करीब तीन दशक पहले जिस उदंड बल्लेबाजी का जो ट्रेलर सनथ जयसूर्या ने दिखाया था। उसकी पूरी फिल्म अब 28 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के ट्रेविस हेड दिखा रहे हैं। सनथ पावर प्ले में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते थे। उनके नक़्शे कदम पर एडम गिलक्रिस्ट, वीरेंद्र सहवाग, हर्शल गिब्स और ब्रैंडन मैकुलम चलते रहे। इन सभी की बल्लेबाजी में एक बात आम थी… आओ और पहली गेंद से बल्ला चलाओ… फटाफट 30- 40 रन बनाओ और सामने वाली टीम को दबाव में डाल दो। इस दिलचस्प रिवाज को ट्रेविस हेड तो अलग ही ऊंचाई पर ले गए हैं। वह आते हैं, पहली गेंद से बल्ला चलाते हैं। ऐसा नहीं है कि 30 40 रन बनाकर छोड़ देंगे। एकदम सधा हुआ बल्ला एक जैसी तेजी से पूरी पारी में चलता रहता है। स्पिनर हो, तेज गेंदबाज हो, पावर प्ले हो, ना हो… हेड को कोई फर्क नहीं पड़ता। वह मारते जाते हैं और पारी भी लंबी खेलते हैं। बतौर टेस्ट बल्लेबाज करियर की शुरुआत की थी… लेकिन पिछले 4 साल में…खेल का फॉर्मेट, गेंद और कपड़ों का रंग… कोई सा भी हो, हेड का अंदाज नहीं बदलता है।
ऑस्ट्रेलिया के T20 टूर्नामेंट बिग बैश से पहली बार हेड को चर्चा मिली थी। नए साल के पहले वाली शाम पर उन्होंने ऐतिहासिक शतक लगाया था। सिडनी सिक्सर्स के सामने एडिलेड स्ट्राइकर को तीन ओवर में 50 रन चाहिए थे और हेड ने शतक लगाकर वह मैच जीता दिया। हेड का नाम सबकी जुबां पर तब आया जब ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज शेन वार्न ने उनकी तारीफ की थी। ट्रेविस हेड मेरे पसंदीदा युवा खिलाड़ियों में से एक हैं। एक दिन वह तीनों फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलिया के महानतम बल्लेबाज बनेंगे। वार्न तो दुनिया से चले गए, लेकिन हेड उनकी कही बात को सच साबित करने के जतन मे लगातार लगे हुए हैं।
क्रिकेट इतिहास में बल्लेबाजों की तीन केटेगरी हुई है। पहली कैटेगरी में आप राहुल द्रविड़ जैसे बल्लेबाजों को रख सकते हैं… ये सही-सही किताबी क्रिकेट खेलते हैं। तेज बल्लेबाजी इनके बस की बात नहीं। खासतौर पर टेस्ट मैच के लिए ही बने हैं।
दूसरी केटेगरी मे सहवाग और वार्नर जैसे खिलाड़ी हैं। इनका हिसाब सीधा है चल गए तो अकेले ही मैच जीता देंगे, वरना बीच मझदार में छोड़ देंगे। तेजी से रन बनाते हैं। किताबी क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है।
इन दोनों के अलावा तीसरी केटेगरी सबसे खास है। इसमें सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा, जैक कैलिस और रिकी पोंटिंग जैसे महान खिलाड़ी हुए हैं। सधा हुआ किताबी क्रिकेट खेलना हो या तेजी से रन बनाना… दोनों ही काम में यह बल्लेबाज सक्षम थे। अब ट्रेविस हेड तो बल्लेबाजी की नई जमात तैयार कर रहे हैं। मारते हैं, लेकिन थोड़ी देर नहीं….दिन भर मारते हैं। टेस्ट मैच हो तो दो दिन भी कुटाई चल सकती है। हेड को ‘मॉडर्न ग्रेट’ कहा जाए तो गलत नहीं होगा।