पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में कल रामनवमी शोभायात्रा के दौरान पथराव किए गए। हालांकि सभी को ऐसा कुछ होने का पहले से अनुमान था। बंगाल का इतिहास उठाकर देख लीजिए। जब जब कोई हिंदू त्योहार होता है तब तब दूसरे समुदाय द्वारा पथराव और हमले की घटना सामने आती ही है। इस पथराव में 20 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इस घटना की वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में लोग अपनी छतों से जुलूस पर पथराव करते दिख रहे हैं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। साथ ही प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में धारा 144 लागू कर सुरक्षाबलों को भी तैनात किया है।
ममता बनर्जी ने फिर पल्ला झाड़ा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक गैर जिम्मेदारन आदत रही है, उनके राज्य मे कोई भी घटना हो वे उसे दूसरों के सर पर मढ कर पतली गली से निकल जाती हैं। इस रामनवमी के पहले भी उन्होंने दंगों की आशंका जतायी थी और उल्टा मुसलमानों को सचेत किया था। सबसे बड़ा सवाल है कि अगर उन्हें पहले ऐसा कुछ होने की संभावना थी तो उन्होंने दुरुस्त इंतजाम क्यूँ नहीं किये? झड़प के बाद दोनों पार्टी आमने-सामने है। ममता बनर्जी ने BJP पर दंगों की साजिश रचने का आरोप लगाया है। वहीं BJP के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने ममता द्वारा BJP पर लगाए आरोप में कहा कि, ममता बनर्जी के साथ जनता नहीं है। इसलिए ममता बनर्जी BJP के खिलाफ लोगों को भड़का रही है।
इस मामले में NIA जांच की मांग की
भाजपा का आरोप है कि, रेजीनगर में हिंदू श्रद्धालुओं को निशाना बनाया गया था। इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने कहा कि , मुर्शिदाबाद में राम भक्तों पर TMC के नेताओं ने TMC पार्टी के ऑफिस से हमला किया था। इस मामले में NIA जांच हो, जैसे पिछली बार राम नवमी हिंसा मामले में कोर्ट के आदेश पर NIA की जांच की गई थी।
आज BJP कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल के एगरा थाने में घेराव करेंगे
पत्थरबाजी और हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल के नेता ने कहा कि, बंगाल टूट रहा है और इसके लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। वहीं उन्होंने कहा कि, रामनवमी शोभा यात्रा पर हुए क्रूर हमले के विरोध में आज भाजपा कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल के एगरा थाने में अपना घेराव करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बंगाली हिंदुओं की रक्षा में विफल रहने पर बंगाल की मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा पूरी घटना का वीडियो शेयर करते हुए अमित मालवीया ने कहा कि, पश्चिम बंगाल के लिए ममता बनर्जी कलंक हैं। एक बार फिर रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है।
2018 से 2024 तक हुए पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान दंगे
2018 में रानीगंज में निकलने वाले रामनवमी के जुलूस पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी। फिर देखते ही देखते तीखी बहस हिंसा में बदल गई और पुलिस कर्मियों पर ईंट-पत्थरों से हमला करने लगे।
2019 में भी पश्चिम बंगाल के आसनसोल में मारवाड़ी विद्यालय से राम नवमी रैली निकाली गई थी। लेकिन हिंसा के दौरान वाहनों में आग लगा दी थी और घरों पर पथराव किए गए थे।
2022 में भी पश्चिम बंगाल में हावड़ा के शिबपुर इलाके में रामनवमी जुलूस के दौरान दंगे हुए थे।
पिछले साल 2023 में भी बंगाल में रामनवमी समारोह में भी हिंसा हुई थी। उत्तर दिनाजपुर के दालखोला, हावड़ा के शिवपुर तथा हुगली के रिसड़ा व श्रीरामपुर में रामनवमी की शोभायात्राओं पर हमला हुआ था। इन घटना में अनेक लोग जख्मी हुए थे। जिससे बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच बड़े पैमाने पर टकराव हुआ था।
आखिर हमेशा बंगाल में ही ये सब क्यों होता है? देखा जाए तो इस तरह के दंगे बडे़ पैमाने पर पश्चिम बंगाल से ही सामने आते है वो भी ख़ासतौर पर हिंदू त्योहार और शोभायात्रा के दौरान ही।