कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अब राज्य में हिजाब पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है। जिसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध को 23 दिसंबर से हटा दिया जाएगा। राज्य में अब हिजाब पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अब महिलाएं हिजाब पहनकर बाहर जा सकती हैं। इस संबंध में अधिकारियों से आदेश वापस लेने के निर्देश दे दिए हैं।
सब की अपनी अपनी पसंद
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हर किसी को अपने पसंद के कपड़े पहनने का अधिकार है। अपने हिसाब से खाना,खाना और कपड़े पहनना हमारा अधिकार है। इस पर हमे क्यों आपत्ति होनी चाहिए। जिसको जो मर्जी है वो करे वो पहने, हमें वोट पाने के लिए इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए। इससे पहले अक्टूबर में सिद्धारमैया सरकार ने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के दौरान छात्रों को हिजाब पहनने को मंजूरी दी थी।
भाजपा सरकार पर लगाया आरोप
मुख्यमंत्री ने मैसूर में एक सभा के दौरान कहा, “मैं आपको क्यों बाधित करूं?” उन्होंने भाजपा सरकार पर लोगों के पहनावे और जाति के आधार पर अलग-अलग दो भागों में बाटने का आरोप लगाया है। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने पहले संकेत दिया था कि वह इस साल मई में सत्ता में आने के बाद इस आदेश को वापस ले लेगी।
यह मामला हाई कोर्ट तक चला
दरसल,बीजेपी सरकार के नेतृत्व में कर्नाटक की पिछली सरकार 2022 में स्कूल और कॉलेजों में छात्रों के हिजाब पहनने पर रोक लगा दी थी। हालांकि हिजाब पर बैन लगाए जाने के बाद राज्य में काफी हंगामा था और सियासी दलों ने भी इसका विरोध किया था। सरकार की ओर से लगाए गए बैन को छात्रों ने हाई कोर्ट में चुनौती भी दी थी, लेकिन वहां से भी किसी कि कोई राहत नहीं मिली थी। जिसके अब बाद राज्य में विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस की वापसी हुई और अब सिद्धारमैया सरकार ने हिजाब पर लगे बैन को हटाने का ऐलान किया।
सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ था विवाद
आपको बता दे कि यह कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरुआत राज्य के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज से हुई थी। जहां, मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर कॉलेज आने से रोक दिया गया था। जहाँ स्कूल प्रशासन ने हिजाब को कॉलेज के यूनिफॉर्म कोड के खिलाफ बताया था। इसके बाद यह विवाद और भी कॉलेजों में पहुंच गया और मुस्लिम छात्राएं प्रदर्शन पर उतर आईं थीं। जिसके बाद से सरकार ने हिजाब पर बैन लगा दिया था।