बाबा! हमारे देश में बाबाओं को चमत्कार से जोड़ा जाता हैं। लेकिन इस चमत्कार का नतीजा कितना दर्दनाक हो सकता है, इस बात का अंदाजा 2 जुलाई को उत्तरप्रदेश के हाथरस में हुए हादसे से लगाया जा सकता है। जहां देशभर से अपनी-अपनी आस्थाओं के साथ लोग भोले बाबा के सत्संग में पहूंचे, लेकिन यह सत्संग मातम में बदल गया। इस हादसे में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हादसे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में PIL दायर करके हादसे में CBI जांच की मांग भी की गई है। लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि, अभी तक पुलिस ने इस हादसे में भोले बाबा के खिलाफ FIR क्यों नही दर्ज की? हादसे के बाद से ही बाबा सूरजपाल गायब हैं। हालांकि 4 दिन बाद अब पहली बार वह सोशल मीडिया के सामने आए है। जिसमें उन्होनें मृतकों के प्रति दुख जताया था और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की थी। लिखित संदेश में बाबा सूरजपाल कहा था कि, कुछ अराजक तत्वों ने ये भगदड़ मचाई, जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हुआ है।
कौन हैं संत भोले बाबा ?
बता दे कि, संत भोले बाबा मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) के पटियाली गांव के रहने वाले है। 18 साल की नौकरी के बाद VRS लिया भोले बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था। पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताते हैं। उनका दावा है कि, 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे। पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में तेजी से प्रभाव बनाने वाले भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है। बताया जाता है कि कई IAS-IPS भी उनके भक्त हैं। उनके सत्संग नें बड़े नेता और अधिकारी भी पहुंचते हैं। भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं।
हादसा कैसे हुआ था?
इस हादसे की बात करें तो इसमें 122 लोगों की मौत हुई हैं जिसमें ज्यादा महिलाओं ने जान गंवाई हैं। माना जा रहा है कि, बाबा के पैरों की धूल को छूने के लिए लोगों ने सत्संग के दौरान भगदड़ मचा दी थी। उस वजह से ही लोग एक के ऊपर एक गिरे और देखते ही देखते लाशों का ढेर बिछ गया। वैसे इस हादसे में प्रशसन से लेकर आयोजकों की लापरवाही सामने आ रही है। जब केवल 80 हज़ार लोगों की अनुमति दी गई थी तो ढाई लाख लोग कैसे शामिल हुए और आखिर क्यों लोकल इंटेलिजेंस भीड़ का अंदाजा लगाने में फेल हुई ? जिसके बाद इस हादसे पर कई तरह के सवाल उठ रहे है।
टेंट लगाने वाले राज कपूर ने किया खुलासा
हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के लिए टेंट लगाने वाले राज कपूर ने इंतजामी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। राज कपूर ने बताया कि, सत्संग आयोजित करने वाली कमेटी ने 80,000 लोगों की परमिशन ली थी, लेकिन सत्संग में टेंट सिर्फ 60,000 लोगों की क्षमता का लगवाया था। उसी दौरान 300 फीट लंबा और 300 फीट चौड़ा टेंट लगाया था और इसका ठेका 4 लाख 70,000 रुपये में दिया गया था। लेकिन अभी तक 1 लाख 70,000 रुपए का पेमेंट नहीं हुआ है।
कहां से गिरफ्तार हुआ मुख्य आरोपी?
बताया जा रहा है कि, आरोपी देव प्रकाश ने दिल्ली में सरेंडर किया है। असल में दिल्ली के नजफगढ़ में उसकी लोकेशन मिली थी, जैसे ही यूपी पुलिस वहां पहुंची, उसने खुद ही सामने से सरेंडर कर दिया और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस मधुकर से पूछताछ करने वाली हैं। माना जा रहा है कि, बाबा की लोकेशन को लेकर भी उसी से पूछताछ होने वाली है। मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम था और वो हादसे के बाद से ही फरार था। हादसे के बाद बाबा ने उससे फोन पर बात भी की थी। मधुकर को मिलाकर अब तक इस मामले में 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम जिसमें पांच पुरुष, दो महिलाएं शामिल है
- मुख्य आरोपी देव प्रकाश मुधकर जिसे कल रात गिरफ्तार किया गया।
- राम लड़ैते पुत्र रहबारी सिंह यादव, मैनपुरी
- उपेंद्र सिंह यादव पुत्र रामेश्वर सिंह, फिरोजाबाद
- मेघसिंह पुत्र हुकुम सिंह, हाथरस
- मंजू यादव पत्नी सुशील कुमार, हाथरस
- मुकेश कुमार पुत्र मोहर सिंह, हाथरस
- मंजू देवी पत्नी किशन कुमार यादव, हाथरस
सीएम योगी का एक्शन मोड
हाथरस हादसे को लेकर सीएम योगी एक्शन मोड में हैं। सीएम योगी ने SIT का गठन कर इस मामले की गहराई से जांच करने के लिए कहा है। हाथरस में हुए हादसे की न्यायिक जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया है। इस न्यायिक जांच आयोग में रिटायर्ड आईएएस हेमन्त राव और रिटायर्ड आईपीएस भवेश कुमार सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है।
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इसके पहले भी ऐसी कई घटनाए हो चुकी है। इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी रणनीतियों को लागू करना महत्वपूर्ण है जैसे बेहतर नियम लागू करना, जीतने लोगो की अनुमति दी गई है उसे अधिक लोग शामिल न हों। नियमो का पालन करना आदि। हालांकि अब देखना ये है कि, इस प्रकार के हादसों को रोकने के लिए भविष्य में क्या प्रयास किए जाएंगे।