राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को अलग-अलग क्षेत्रों में विशिष्ट सेवा और उच्चकोटि के प्रदर्शन करने वाले नागरिकों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया है। जनवरी में ही इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले सभी नागरिकों के नाम की घोषणा हो गई थी। द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में 2 हस्तियों को पद्म विभूषण, 9 को पद्म भूषण और 56 को पद्म श्री पुरस्कारों से सम्मानित किया है।
इन सभी हस्तियों को मिला पुरस्कार
इस दौरान गुजरे जमाने की अभिनेत्री वैजयंतीमाला बाली, तेलुगु स्टार कोनिडेला चिरंजीवी, सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश दिवंगत एम.फा़तिमा बीवी और “बॉम्बे समाचार” के मालिक होर्मुसजी एन कामा, दा आश्विन बालाचंद मेहता, श्री सत्य व्रत मुखर्जी भी उन प्रतिष्ठित व्यक्तियों में शामिल रहे। इस पुरस्कार में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे।
दो हस्तियों को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया
बॉलीवुड की एक्ट्रेस वैजयंतीमाला और साउथ के सुपरस्टार चिरंजीवी को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार “पद्म विभूषण” से सम्मानित किया गया है। दोनों को यह पुरस्कार कला के क्षेत्र में योगदान देने के लिए मिला है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-द्वितीय में वर्ष 2024 के लिए यह पुरस्कार वितरण किए गए है।
साल 1969 में पद्म श्री और 2024 में मिला पद्म विभूषण
इस मौके पर एक्ट्रेस वैजयंतीमाला ने कहा कि, वह बेहद खुश है। 90 साल की उम्र में पद्म विभूषण से सम्मानित होकर वह गर्व महसूस कर रही है। वैजयंतीमाला को ‘साल 1969 में मुझे पद्म श्री मिला था और अब पद्म विभूषण मिला है। मैं बहुत खुश और आभारी हूं। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।‘ वैजयंतीमाला ने आगे कहा कि, ‘यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और भारत सरकार हैं, जिन्होंने मेरी कला-नृत्य के साथ-साथ फिल्मों को भी मान्यता दी है। मैं यह पुरस्कार पाकर खुश और विनम्र हूं।‘
वैजयंतीमाला ने 1949 में शुरू किया था फिल्म में काम
वहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस वैजयंतीमाला के फिल्मी दुनिया की बात करे तो, उन्होंने साल 1949 में फिल्मों की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने दिलीप कुमार, देव आनंद, राजेंद्र कुमार संग 50-80 के दशक तक काम किया है। 1970 के बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली थी। लेकिन वह कला के क्षेत्र में लगातार काम करती रहीं।