आज भारतीय सिनेमा जगद के दिग्गज कलाकार और बहुमुखी प्रतिभा के धनी किशोर कुमार की पुण्यतिथि है। उनका निधन 13 अक्टूबर 1987 को 58 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। किशोर कुमार की गायकी का हर कोई दीवाना है लेकिन अपनी गायकी के साथ-साथ किशोर ने अपने अभिनय से भी लोगों को काफी प्रभावित किया था। आज भी उनके गानों उतना ही प्यार मिलता है, जितना पहले मिला करता था।
पढाई में कमजोर थे किशोर
किशोर कुमार का असली नाम आभास गांगुली है। उनका जन्म 4 अगस्त 1929 मध्य प्रदेश के खंडवा में हुआ था। उनके पिता कुंजीलाल गांगुलीशहर के बड़े प्रतिष्टित वकील थे। अशोक और अनूप कुमार के बाद किशोर घर मे सबसे छोटे थे। किशोर ने अपनी स्कूली शिक्षा खंडवा में ही पूरी की थी। और फिर आगे की पढ़ाई इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज की थी। स्कूल मे उनके साथ पढ़ने वाले उनके मित्र बताते कि वह बचपन से ही बड़े चुलबुले थे। पढाई में भले ही कमजोर थे लेकिन टीचरो की नक़ल उतरने में भी माहिर थे। किशोर स्कूल में अक्सर डेस्क बजाते और उसपर खड़े होकर नाचा करते थे।
दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में ही बस जाएंगे
अपने करिअर मे 16 हजार फ़िल्मी गाने गा चुके किशोर 70 और 80 के दशक में सबसे महंगे गायक थे। उन्होंने उस वक्त के सभी बड़े कलाकारों के लिए अपनी आवाज दी। इतना बड़ा फिल्मी सितारा बनने के बाद भी किशोर दा कभी भी अपनी जन्म भूमि खंडवा को नहीं भूले। उन्हे अपने शहर खंडवा से बड़ा लगाव था। वह जब भी खंडवा आते थे अपने दोस्तों के साथ शहर की गलियों चौपालों पर गप्पे लड़ाने के लिए निकाल जाते थे। किशोर दा को जलेबियाँ खाने का बहुत शौक था। वह अक्सर अपने मुंबई वाले दोस्तों से कहते थे दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में ही बस जाएंगे।
भाई अशोक के जन्मदिन पर हुई थी किशोर की मौत
किशोर दा ने साल 1946 में फिल्म शिकारी से डेब्यू किया था। उन्हे म्यूजिक डायरेक्टर एस.डी बर्मन ने ब्रेक दिया था। एक इंटरव्यू मे किशोर कुमार ने बताया कि था की वह अपने भाई अशोक कुमार के जरिए एस.डी.बर्मन से मिले थे। अशोक कुमार ने कहा था कि उनका भाई भी थोड़ा-थोड़ा गा लेता है। मैंने एसडी बर्मन को उनका ही गाया एक बंगाली गाना सुनाया था। मेरा गाना सुनकर सचिन दा बोले कि तुम मुझे कॉपी कर रहा है। मैं इसे निश्चय ही गाने का मौका दूंगा। अगर अशोक किशोर को एस.डी.बर्मन से ना मिलाते तो शायद इतना बड़ा कलाकार हमे न मिलता। जिस भाई के कारण किशोर कुमार ने पूरी दुनिया मे इतना नाम कमाया था, उसी भाई के जन्मदिन पर उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा था। 13 अक्टूबर 1987 को जिस दिन 58 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से किशोर दा की मौत हुई थी। उसी दिन उनके बड़े भाई किशोर कुमार का 76वां जन्मदिन भी था।