By using this site, you agree to the Privacy Policy
Accept
May 17, 2025
The Fourth
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Reading: क्या वास्तव मे हम विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं?
Font ResizerAa
The FourthThe Fourth
Search
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Follow US
900 0 1706542828x360 f 75419162 o11adc3ylqunvncmzxfpzfdgut6scyqq 895 - The Fourth
World

क्या वास्तव मे हम विश्व युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं?

इस समय रूस - यूक्रेन, ईरान - इस्राइल जैसे कई फ्रंट पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इन घटनाओं को देख लग रहा है कि हम तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर है!

Last updated: सितम्बर 26, 2024 4:17 अपराह्न
By Rajneesh 8 महीना पहले
Share
7 Min Read
SHARE

“जंग तो ख़ुद ही एक मसला है, जंग क्या मसलों का हल देगी”…मौजूदा हालात को देखकर साहिर लुधियानवी की ये लाइन याद आ रही है। इस समय रूस – यूक्रेन – नाटो, ईरान – इस्राइल और चीन-ताइवान, जैसे कई फ्रंट पर युद्ध और तनाव की स्थिति बनी हुई है। ग्लोबल सिस्टम बिखर रहा है और धीरे – धीरे वर्ल्ड वॉर जैसे हालात बनते जा रहे हैं। महत्वपूर्ण संगठन और सुपर पावर्स का निष्क्रिय बैठे रहना या एक तरफ झुका होना भी चिंता का विषय है।

दुनिया भर में हालिया घटनाओं को देखते हुए, कई लोग यह सोचने लगे हैं कि क्या हम वास्तव में तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर हैं। क्यूंकि जब हम पिछले विश्व युद्धों को देखते हैं, तो पाते हैं कि अंतरराष्ट्रीय तनाव, भू-राजनीतिक विवाद, और आर्थिक असंतुलन युद्ध के प्रमुख कारण होते हैं। आज, वैश्विक स्तर पर ऐसी ही कई घटनाएं और विवाद उभर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह स्थिति हमें वास्तव में विश्व युद्ध की दिशा में ले जा रही है, या यह केवल अस्थायी तनाव है?

इस सवाल के जवाब से पहले कुछ आंकड़ों पर नज़र डाल लेते हैं। –

2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध ने 100,000 से अधिक नागरिकों को मार डाला और लाखों को विस्थापित कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण 2030 तक 700 मिलियन से अधिक लोग जल संकट का सामना करेंगे।

विश्व व्यापार संगठन के अनुसार, वैश्विक व्यापार का मूल्य $28.5 ट्रिलियन (2021) था, जो यह दर्शाता है कि किसी भी बड़े युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा।

फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद, यह विवाद अब यूरोप के केंद्र में एक बड़ा संकट बन गया है। इस युद्ध के कारण यूरोप में सैन्य गठबंधन, जैसे कि NATO, और रूस के बीच तनाव चरम पर है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन रूस ने इसके बावजूद अपना हमला जारी रखा है। इस युद्ध ने न केवल यूरोपीय महाद्वीप को अस्थिर किया है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा और खाद्य आपूर्ति में भी बाधा डाली है।

चीन और ताइवान के बीच तनाव भी एक बड़ा मुद्दा है। चीन ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानता है। हाल ही में चीन ने ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं, और यह स्थिति अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। अगर इस विवाद ने हिंसक रूप लिया, तो यह एशिया और वैश्विक स्तर पर एक बड़े युद्ध का कारण बन सकता है।

मध्य पूर्व भी हमेशा से एक संवेदनशील क्षेत्र रहा है। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच का विवाद दशकों से चला आ रहा है, और हाल ही में यह फिर से भड़क उठा है। इसके अलावा, ईरान और सऊदी अरब के बीच का धार्मिक और राजनीतिक टकराव भी एक बड़ा संकट है। अगर इन विवादों ने हिंसक रूप लिया, तो इससे पूरे क्षेत्र में युद्ध की संभावना बढ़ जाएगी।

उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम भी एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। उत्तर कोरिया ने हाल ही में कई मिसाइल परीक्षण किए हैं, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चिंताएँ बढ़ गई हैं। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ उत्तर कोरिया के संबंधों में निरंतर तनाव बना हुआ है, और अगर यह तनाव बढ़ता है, तो एक बड़ा सैन्य संघर्ष हो सकता है।

इन जीयो – पोलिटिकल विवादों के अलावा, ग्लोबल इकॉनमी और पर्यावरणीय असंतुलन भी विश्व युद्ध की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं। COVID-19 महामारी के बाद से दुनिया की अर्थव्यवस्था अस्थिर है। महंगाई, और बेरोजगारी ने कई देशों की स्थिति को नाजुक बना दिया है। आर्थिक संकट अक्सर देशों को युद्ध की ओर धकेल सकता है, क्योंकि वे अपनी आंतरिक समस्याओं को हल करने के लिए बाहरी दुश्मनों की तलाश करते हैं।

इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों की कमी भी तनाव का प्रमुख कारण बन सकते हैं। उदाहरण के लिए, जल संसाधनों को लेकर कई देशों में विवाद शुरू हो चुके हैं। अगर प्राकृतिक संसाधनों की कमी और बढ़ती जनसंख्या के कारण यह विवाद और बढ़े, तो यह भी एक बड़े युद्ध की संभावना को जन्म दे सकता है।

हालांकि वर्तमान स्थिति तनावपूर्ण है, फिर भी यह आवश्यक नहीं है कि यह तीसरे विश्व युद्ध की ओर. ही ले जाए। 21वीं सदी में डिप्लोमैसी, वैश्विक संस्थाओं और आर्थिक संबंधों ने देशों के बीच सीधा संघर्ष रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है।

संयुक्त राष्ट्र, G20, और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने हमेशा से ही विवादों को हल करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। अगर देशों के बीच संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता दी जाती है, तो कई समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से हो सकता है।

आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था आपस मे इतनी जुड़ी हुई है कि किसी भी बड़े युद्ध का परिणाम आर्थिक तबाही हो सकता है। देशों के बीच व्यापार और निवेश के गहरे संबंध हैं, और इस कारण वे किसी भी सैन्य संघर्ष से बचना चाहेंगे, जो उनकी अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।

हम एक अनिश्चित दौर में जी रहे हैं, जहां भू-राजनीतिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय तनाव हमें विश्व युद्ध की ओर ले जाने वाले संकेत दे रहे हैं। लेकिन यह भी सच है कि आज दुनिया पहले से कहीं ज्यादा परस्पर जुड़ी हुई है, और इस कारण युद्ध के बजाय कूटनीति और संवाद को प्राथमिकता मिल सकती है। हालांकि, अगर ये तनाव समय पर हल नहीं किए गए, तो हमें एक बड़े वैश्विक संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। आज के समय में, शांति और स्थिरता की ओर बढ़ना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, अन्यथा इतिहास अपने आपको दोहरा सकता है, और तीसरा विश्व युद्ध मानवता के लिए बेहद विनाशकारी सिद्ध होगा।

You Might Also Like

सम्पूरन जब ‘गुलज़ार’ हुए तो कईयों की जिंदगी भी गुलज़ार हो गई!

नीरज चोपड़ा यानी भारत का बाहु – बल, कैसे उन्होंने फेंका इतिहास रचने वाला एक थ्रो?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का Diplomatic कदम, 7 All Party Delegations विदेश दौरे पर

भारत के Short Range Air Defence System …पाकिस्तान को हराने में अहम योद्धा!

IPL में विदेशी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी से पलट सकता है Playoffs का गणित

TAGGED: chinataiwan, conflict, diplomacy, economicimbalance, geopolitics, globalsystem, globaltension, historicalpatterns, internationalrelations, iranisrael, peace, russiaukraine, sahir ludhianvi, superpowers, thefourth, thefourthindia, thirdworldwar, worldevents, worldwar
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0

Follow US

Find US on Social Medias

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading

Popular News

WhatsApp Image 2025 05 02 at 8.26.19 PM - The Fourth
India

WAVES Summit 2025: भारत के पहले वैश्विक Audio-Visual Summit का भव्य आगाज़

2 सप्ताह पहले

रांची में बर्ड फ्लू का फिर से मंडराया खतरा, मारे गए 2000 से अधिक पक्षी

रियलिटी शो का रियलिटी चेक

Bollywood rap ने खराब किया देशी Hip Hop का काम

Indore: पिछले एक साल में रोके गए 57 बाल विवाह के मामले

You Might Also Like

WhatsApp Image 2025 05 16 at 2.24.47 PM - The Fourth
World

क्या तालिबान भारत से नज़दीकियाँ बढ़ा रहा है? भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच एक नई विदेश नीति की दिशा

2 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 15 at 4.18.59 PM - The Fourth
World

बलूच महिलाओं का दमन और विद्रोह!

3 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 15 at 3.51.38 PM - The Fourth
India

भारतीय वायुसेना की बड़ी सफलता, Defence System को जाम कर कुछ Minutes में पूरा किया Operation

3 दिन पहले
imf logo - The Fourth
World

आतंक के दलाल को फिर Bailout, क्या IMF पर विश्वास करना चाहिए?

3 दिन पहले
The Fourth
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Lifestyle
  • Science
  • Sports

Subscribe to our newsletter

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading
© The Fourth 2024. All Rights Reserved. By PixelDot Studios
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?