मणिपुर में बेकाबू हो रही हिंसा ने सरकार की जड़ें हिला दी हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन का विरोध जोर पकड़ रहा है। उन्होंने बैठक रखी थी, जिससे 19 विधायक गायब रहे। इन्हें संपर्क करने की कोशिश हुई, लेकिन कोई बात नहीं कर रहा है। 37 में से 19 विधायकों का यूं गायब होना सरकार गिरने का इशारा है। इन गायब विधायकों में कूकी और मैतई दोनों समुदाय के नेता शामिल हैं। पिछले दिनों 6 लोगों की हत्या के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। बताते हैं कि बैठक से गायब रहने वाले विधायकों को नोटिस भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने वीडियो पोस्ट कर समझाने की कोशिश की है। सरकार गिरने का डर सता रहा है।
53 विधायकों का समर्थन
60 विधायकों वाले राज्य में सरकार को 53 विधायकों का समर्थन है। इसमें एनपीपी, एनपीएफ, जेडीयू और तीन निर्दलीय भी शामिल हैं। जब भाजपा के 37 में से आधे गायब हो गए हैं तो साथी दलों की तरफ से भी बगावत शुरू हो गई है। गायब होने वाले विधायकों की अगुवाई ग्रामीण विकास मंत्री युम्नम खेमचंद सिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पर इस्तीफे का दबाव बनाया जा रहा है।
सशर्त समर्थन की बात
कल एनपीपी ने भी इशारा कर दिया था कि नेता बदल दिया जाए तो हम साथ आ जाएंगे। चार दिन पहले उन्होंने गठबंधन से हाथ खींच लिया है। बताते हैं कि जो विधायक सीएम के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, वो दिल्ली पहुंच कर भाजपा हाइकमान से मिलना चाहते हैं। पार्टी से नाराजगी कम है, मुख्यमंत्री से ज्यादा है।