चुराचांदपुर। मणिपुर के चुराचांदपुर में 400 लोगों की भीड़ ने पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर कल रात हमला कर दिया और साथ ही पुलिस के वाहनों में आग लगा दिया और तोड़ाफोड़ी भी की गई। इस हिंसा में 2 लोगो की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए हैं।
RAF और SF ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। हालात पर काबू पा लिया गया है। हालांकि तनाव बरकरार है। फोर्स स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
हमला क्यों हुआ?
पुलिस ने बताया कि, 14 फरवरी को एक वीडियो सामने आया था। उस वीडियो में सियामलाल पॉल नाम का एक हेड कांस्टेबल सशस्त्र लोगों के साथ दिखाई दिया। हेड कांस्टेबल ने बंकर में सशस्त्र लोगों के साथ सेल्फी भी ली थी। उसकी यह हरकत पुलिस विभाग की नजर में इंडिसिप्लिन थी। इसलिए चुराचांदपुर के एसपी शिवानंद सुर्वे ने हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि, हेड कांस्टेबल को गलत तरीके से सस्पेंड किया गया है और उसे बहाल किया जाना चाहिए।
हिंसा के लिए एसपी को ठहराया जिम्मेदार
चुराचांदपुर पर कुकी-जो जनजातियों के प्रभुत्व है। मई 2023 में यहीं से जातीय झड़प शुरू हुई थी। कुकी जनजातियों ने बार-बार उनके गांवों पर हमले में पुलिस की संलिप्तता का आरोप लगाया है। पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है। कुकी-जो नागरिक समाज समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने गुरुवार देर रात कहा कि, चुराचांदपुर पुलिस प्रमुख जिले में आज रात की घटना के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।
मणिपुर में अब तक 200 से ज्यादा की मौत
मणिपुर में बीते 9 महीने से हिंसा जारी है। 3 मई 2023 को कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष शुरू हुआ था। अब तक 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और 50,000 से ज्यादा लोग बेघर हुए हैं। पुलिस ने 6 हजार मामले दर्ज किए हैं। जबकि 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।