मणिपुर में दो मैतेई छात्रों की हत्या के बाद फिर से तनाव बढ़ गया। सैकड़ों की भीड़ ने CM एन बीरेन सिंह के घर पर हमले की कोशिश की हैं। हालांकि, सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। मणिपुर में सुरक्षा अफसर ने बताया कि शाम को लगभग 500 लोगों की भीड़ ने हिंगांग के लुवांगसांगबाम में सीएम सिंह के निजी घर के पास जाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि, “भीड़ को सीएम के घर से 200-300 मीटर पहले रोक दिया गया। भीड़ को रोकनेके लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े क्योंकि भीड़ अलग-अलग दिशाओं से मौके पर इकट्ठा होने की कोशिश कर रही थी।”
गौरतलब है कि, दो महीने पहले लापता हुए 20 साल का लड़का और 17 साल की लड़की की हत्या हो गई थी। जिसके बाद दोनों शवों का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस घटना के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। जिसके बाद राज्य सरकार ने मंगलवार शाम को वीपीएन के जरिए से मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया।
कई लोग हुए घायल
अफसरों ने बताया कि सगोलबंद, उरीपोक, यैसकुल और टेरा इलाकों में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई। सुरक्षाबलों को हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़ने पड़े, जिसमें जवान सहित कई लोग जख्मी हो गए हैं।
आवास की बढ़ाई गई सुरक्षा
पुलिस अधिकारी ने कहा, “दो समूह के लोग अलग-अलग दिशाओं से आए और सीएम के पैतृक आवास के पास पहुंचे लेकिन उन्हें रोक दिया गया।” भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आरएएफ और राज्य पुलिस कर्मियों द्वारा कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे गए। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की दृश्यता कम करने के लिए पूरे क्षेत्र में बिजली कनेक्शन बंद कर दिया। इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने आवास की सुरक्षा और भी बढ़ा दी है। वहीं हमला नाकाम होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पास की सड़क के बीचों-बीच टायर भी जलाये।
पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक
इस घटना को लेकर मणिपुर में पुलिस हेडक्वार्टर में एक बैठक हुई जिसमें अफसरों को हालात की जानकारी दी गई. पुलिस ने कहा, “राज्य में वर्तमान कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए इंफाल में पीएचक्यू में सीएपीएफ के बड़े पुलिस अफसरों की एक बैठक हुई। छात्रों के साथ-साथ सुरक्षा कर्मियों को जो चोटें आईं, इस बारे में अफसरों को जानकारी दी गई।”
अभी तक हिंसा में इतने लोगों ने गंवाई जान
मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा में अभी तक 180 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 50,000 से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। राज्य में मुख्य रूप से दो समुदाय के लोग रहते हैं। जिसमें मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय को लोग शामिल हैं, कुकी समुदाय के ज्यादातर पहाड़ियों में रहते हैं।