मशहूर कवि और चित्रकार इमरोज को लेकर एक दुख की खबर सामने आई है। बता दें कि इमरोज का मूल नाम इंद्रजीत सिंह था। जो अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। उन्होंने 97 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियों ने उन्हें घेर लिया था। जिसकी वजह से शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। अब इसे के साथ फेमस राइटर अमृता प्रीतम और इमरोज की प्रेम कहानी का भी अंत हो चुका है।
इमरोज का जन्म 26 जनवरी 1926 में लाहौर से 100 किलोमीटर दूर एक गांव में हुआ था। इमरोज ने लाहौर के आर्ट स्कूल से रंगों की दुनिया की सिख ली। कभी सिनेमा के बैनरों के लिए तो कभी फिल्मों के पोस्टरों के लिए रंग भरे। उर्दू पत्रिका ‘शमा’ के लिए 6 साल कैलीग्राफी भी की। टेक्सटाइल और घड़ियों के लिए डिजाइन बनाने का भी काम किया। साथ ही इमरोज ने जगजीत सिंह की ‘बिरहा दा सुल्तान’ और बीबी नूरन की ‘कुली रह विच’ सहित कई प्रसिद्ध एलपी के कवर डिजाइन किए थे।
तो आपको बता दे कि अमृता की शादी प्रीतम सिंह से हो चुकी थी। अमृता को अपनी कविता संग्रह ‘नगमानी’ के कवर डिजाइन के लिए एक कलाकार की तलाश थी। इस तलाश में उनकी मुलाकात इंद्रजीत से हुई। यहीं से उनकी दोस्ती हुई और फिर नए रिश्ते की शुरू आत कि जिसके कुछ साल बाद एक मुशायरे में उनकी साहिर लुधियानवी से मुलाकात हुई। वहीं, इमरोज से उनकी मुलाकात एक किताब के कवर को डिजाइन कराने के सिलसिले में हुई। बताते हैं कि इंद्रजीत ने अमृता के कहने पर ही अपना नाम इमरोज लिखना शुरू किया। इमरोज आज गुजर गए अमृता प्रीतम के ही शब्दों में कहें तो कलम ने आज गीतों का काफिया तोड़ दिया।
इमरोज के निधन की जानकारी उनकी करीबी दोस्त अमिया कुंवर ने की है। उन्होंने कहा कि, इमरोज पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहे, लेकिन 2 दिन पहले ही उन्हें घर लाया गया था, जहां आज उनका निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
इमरोज, अमृता से इतनी मोहब्बत करते थे कि उन्होंने उनके लिए नज्म जारी है नाम की किताब भी लिखी थी, जिसे 2008 में पब्लिश किया गया था। अमृता प्रीतम और इमरोज की मोहब्बत ने दुनिया को बहुत सी प्रेम कहानियां दी हैं। उनकी मोहब्बत लोगों के एक मिसाल थी, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।