इंदौर। इंदौर का एमटीएच अस्पताल बच्चों के लिए कब्रगाह बना हुआ है। बीते 1 हफ्ते में वहां 20 मौत हुई है । जून के महीने में 55 से ज्यादा बच्चों की जान चली गई है। यह दर्दनाक आंकड़े तब सामने आए हैं ,जब उज्जैन की पूजा पति जितेंद्र का दुधमुहा बच्चा दम तोड़ गया। दर्द इतने पर भी नहीं थमा। लापरवाही की हद तो यह है कि बिलख रहे मां बाप को दूसरे ही बच्चे का शव दे दिया गया । वह घर के लिए निकल भी चुके थे तब अस्पताल से फोन करके बताया गया कि हमने गलती से दूसरे बच्चे का शव दे दिया है।
मां का दर्द
उज्जैन में रहने वाली पूजा पति जितेंद्र ने 10 जून को बच्चे को जन्म दिया था। 27 दिन से वह सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट में भर्ती था। गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई । परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पूजा का कहना है मेरा बच्चा 27 दिन से भर्ती था। उसे दस्त लगे तो आईसीयू में भर्ती कराने को कहा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। नर्स हमसे बोली कि हमें काम मत सिखाओ । रात को नर्स ने पाउडर का दूध घोलकर नली के बजाय मुंह में इंजेक्शन से दे दिया। जो बच्चे की सांस नली में अटक गया। सुबह डॉक्टर बोले सांस कम चल रही है। हमने नर्स की हरकत की जानकारी दी तो कहा गया कि नर्स को सस्पेंड कर दिया गया है । यहां बच्चे दूध पीने के बाद उल्टियां कर रहे हैं। परसों 5 ने दम तोड़ दिया।
नर्स निलंबित, 3 को नोटिस
लापरवाही के मामले में अस्पताल के डीन संजय दीक्षित ने नर्स मुस्कान ठाकुर को निलंबित कर दिया है। स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ नीलेश दलाल, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति मालपानी और सुनील आर्य को नोटिस दिया गया है।
मौत का डरावना आंकड़ा
अस्पताल के अधिकारियों ने माना है कि जून में 300 से ज्यादा बच्चे भर्ती हुए थे। इनमें से 55 की मौत हो गई। पिछले 6 दिनों में 20 जान गई है। यह सामान्य है क्योंकि यहां गंभीर बच्चे ही आते हैं । मरने वाले ज्यादातर बच्चे प्रीमेच्योर और इंफेक्शन से पीड़ित थे। 40 फीसद से ज्यादा गांव व कस्बों से आते हैं।जिस बच्चे की मौत हुई उसे राइस ट्यूब से सांची का दूध दे रहे थे । राइस ट्यूब से दूध सीधे पेट तक पहुंचता है। इसलिए अटकने का सवाल ही नहीं।