सुनील दत्त और नरगिस का प्यार बॉलीवुड की कई मशहूर कहानियों में से एक है। दोनो की जोड़ी को फिल्मी पर्दे पर जितना पसंद किया गया, रियल लाइफ में भी उतना ही सराहा गया। मगर उनकी प्यार की राह आसान नहीं थी। दोनों ने जब इस रिश्ते को शादी के बंधन में बांधने का फैसला किया, तब कुछ ऐसे लोग थे जिन्हे इस बात पर आपत्ति हुई। बाकी सब एक तरफ, पर जिस आपत्ति का हम आपसे आज ज़िक्र करने जा रहे हैं, वो काफी दिल दहलाने वाली थी।
वो दौर था जब मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर हाजी मस्तान की हुकूमत हुआ करती थी। ऐसे में जब मस्तान के कानों पर सुनील दत्त और नरगिस के रिश्ते की खबर पढ़ी, तो उन्होंने इस पर ऐतराज़ जताया। ऐतराज़ की वजह थी मुस्लिम समुदाय की इतनी महान अदाकारा का हिंदू घराने में रिश्ता। मस्तान को सुनील जी पर पूरा भरोसा न हुआ और उन्होंने उनसे इस रिश्ते से पीछे हट जाने के लिए कहा, और कहने के अंदाज़ में आग्रह काम और धमकी ज़्यादा थी।
सुनील दत्त ने बताया था कि पहले तो उन्हें ये जानकर थोड़ा डर महसूस हुआ, क्योंकि मस्तान उस समय मुंबई के सबसे ताकतवर लोगों में से एक थे। पर अपने प्यार को बचाने के लिए उन्होंने मस्तान का सामना करने का फैसला किया और उनसे मिलने जा पहुंचे। मस्तान ने उनसे मिलकर एक बार फिर से वही कहा जो पहले कहा था। सुनील दत्त ने इसपर बिना डरे नरगिस से अपनी बेइंतहा मोहब्बत के बारे में मस्तान को साफ साफ बता दिया और ये भी कह दिया कि चाहे जो जाए, उनका प्यार सच्चा है, और वो सिर्फ नरगिस से ही शादी करेंगे। ये सुनकर मस्तान को उनकी बातों और इरादों की सच्चाई का एहसास हुआ।
इस तरह अपने प्यार के बलबूते उन्होंने मस्तान जैसे ताकतवर इंसान का भी दिल जीत लिया। सुनील दत्त बताते हैं कि जब उनकी शादी हुई तब सबसे बड़ा गुलदस्ता हाजी मस्तान की तरफ से ही आया था।