Nepal में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिसके झटके Delhi सहित Uttar Pradesh के कई हिस्सों में महसूस किए गए। भूकंप से Nepal में अब तक 141 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक लोगों के घायल होने की भी सूचना है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इससे सैकड़ों घर ढह गए। बड़ी संख्या में लोग घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। एजेंसियों को डर है कि मौत का आंकड़ा अभी काफी ज्यादा बढ़ सकता है।
6.4 मापी गई भूकंप की तीव्रता
Nepal के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.4 थी। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि Jajarkot में भूकंप के केंद्र के पास के क्षेत्र में संपर्क स्थापित करना संभव नहीं था। Jajarkot 190,000 की आबादी वाला Nepal का एक पहाड़ी जिला है, जहां सुदूर पहाड़ियों में बिखरे हुए गांव बसे हुए हैं। Jajarkot के स्थानीय अधिकारी Harish Chandra Sharma ने कहा कि उनके जिले में कम से कम 34 लोग मारे गए हैं।
40 सेकंड तक लगे झटके
Nepal के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, रात 11.47 बजे भूकंप आया, जिसका केंद्र Jajarkot में जमीन के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का असर India और China में भी महसूस किया गया। India में भी करीब 40 सेकंड तक झटके महसूस किए गए।
PM Pushp Kamal Dahal ने दिए राहत अभियान तेज करने का निर्देश
पुलिस अधिकारी Namraj Bhattarai ने कहा कि, “बचाव और खोज टीमों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए भूकंप के कारण सूखे भूस्खलन से अवरुद्ध सड़कों को साफ करना होगा।” रामिदंडा, जहां भूकंप का केंद्र है, अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचे हैं। Nepal के Prime Minister Pushp Kamal Dahal ने social media के X पर, एक पोस्ट में भूकंप में जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया और सुरक्षा एजेंसियों को तत्काल बचाव और राहत अभियान तेज़ी से शुरू करने का आदेश दिया।
Nepal के लोगो को याद आया साल 2015
दरअसल, शुक्रवार रात को आए भूकंप के बाद से एक बार फिर साल 2015 में 25 अप्रैल के विनाशकारी भूकंप की याद ताजा हो गई है, 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप को गोरखा नाम दिया गया था, जिसमें करीब 9000 लोगों की मौत हुई थी और 22 हजार लोग घायल हो गए थे। मध्य नेपाल में काठमांडू शहर के पास यह भूकंप आया था। साल 2015 में नेपाल में आए भूकंप का असर भारत, पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश के कुछ इलाकों में भी महसूस किए गए थे। कहा जाता है कि नेपाल में 1934 के बाद से आया यह सबसे भीषण भूकंप था, जब इतनी ही तीव्रता के भूकंप में 17 हजार लोग मारे गए थे।