कल भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित किया। भारत मे मीडिया और भारतवासियों को कल से ये उम्मीद थी कि विदेश मंत्री अपने भाषण में कनाडा के आरोपों पर ‘मुंहतोड़’ जवाब देंगे। लेकिन अपने भाषण में जयशंकर ने कनाडा का नाम तक नही लिया कम से कम सीधे तौर पर तो नहीं। लेकिन कनाडा और किसी देश का नाम लिए बिना जयशंकर ने उन देशों को भी आड़े हाथों लिया जो दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हैं।
जयशंकर द्वारा UNGA संबोधन मे कही गई अहम बातें
एस जयशंकर के भाषण में दो-तीन बातें अहम थीं। उन्होंने “पहली बात ये कही कि जिन दो-चार बड़े देशों की पूरी दुनिया में चलती थी।जो अपने एजेंडे को दुनिया पर थोपते थे अब उनकी नहीं चलेगी।दुनिया का समीकरण बदल गया है। अब ग्लोबल साउथ की आवाज़ें सुनी जाएंगी।”
उन्होंने G20 मे पेश किये गये नई दिल्ली घोषणापत्र को ऐतिहासिक बताया, भारत को हमेशा विकासशील कहे जाने वाले देशों या ग्लोबल साउथ का नेतृत्व करने की बात कही। जानकारी के लिए बता दे कि भारत की पहल की वजह से अफ़्रीकन यूनियन को G20 में शामिल किया गया था।
उन्होंने ये भी कहा कि भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन के दौर से बाहर निकल चुका है। भारत अब विश्व मित्र के तौर पर उभरा है।
अन्य कार्यक्रम मे कहीं ये बड़ी बातें
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधन मे जयशंकर ने कनाडा का नाम लेकर सबको हैरान कर दिया। लेकिन न्यूयॉर्क में आयोजित काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के एक अन्य कार्यक्रम में विदेश मंत्री जयशंकर ने काफी कुछ कहा। आइए जानते हैं।
- एक पत्रकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से सवाल किया कि एक अमेरिकी राजनयिक ने आरोप लगाया कि “फाइव आईज़ साझेदारों के बीच साझा खुफिया जानकारी” जिसके बाद ही भारत की भूमिका पर सवाल उठाए गए।
इस जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि “वह ना ही फाइव आइज ग्रुप का हिस्सा हैं और ना ही एफबीआई का। ऐसे में फाइव आइज को लेकर उनसे सवाल पूछना सही नहीं है।”
- इसके अलावा जयशंकर ने कहा, ”हम बार-बार कनाडा से खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई के लिए कहते रहे हैं। हमने कनाडा की ज़मीन से संगठित अपराध किए जाने से जुड़ी काफ़ी जानकारियां भी दी थीं।” लेकिन कनाडा ने उसपर बिल्कुल ध्यान नही दिया। साथ ही कनाडा में संगठित अपराध के मुद्दे विशेष रूप से जो अलगाववादी ताकतों, हिंसा और उग्रवाद से जुड़े है। उन पर ध्यान आकर्षित करते हुए जयशंकर ने राजनीतिक कारणों से ऐसी गतिविधियों को सहन करने के लिए कनाडा की स्पष्ट इच्छा के बारे में भी चिंता व्यक्त की।
- जयशंकर के अनुसार, भारत ने कनाडा के आरोपों को बेतुका कहा क्यूंकि कनाडा ने कुछ भी स्पेसिफिक जानकारी शेयर नहीं की है। उन्होंने कहा कि “अगर कनाडा भारत सरकार को कोई स्पेसिफिक सूचना देता है तो वह उसे जरूर देखेगी। हमारे राजनयिकों को धमकी दी गई, हमारे वाणिज्य दूतावासों पर हमला किया गया है। इनमें से बहुत कुछ को उचित भी ठहराया गया , यह कह कर कि लोकतंत्र इसी तरह काम करता है।”