न्यूजीलैंड की सरकार बदलने के साथ ही सरकार ने बड़ा फैसला किया है। फैसले के मुताबिक देश ने तम्बाकू-सिगरेट पर लगा वो बैन हटा दिया है, जिसमें 2008 के बाद पैदा हुए लोगों को सिगरेट बेचने पर मनाही थी। इस फैसले को लोगों ने चौंकाने वाला बताया है। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि ये सार्वजनिक स्वास्थ्य को एक झटका है।
जेसिंडा अर्डर्न प्रधानमंत्री हुआ करतीं थीं, तब 2022 में इस कानून को लाया गया था। “स्मोक फ्री एनवायरमेंट कानून” में कहा गया था कि 2008 के बाद जन्मे लोग स्मोकिंग से जुड़े उत्पाद नहीं खरीद पाएंगे। इस कानून का मकसद उन नौजवानों को तम्बाकू के सेवन से रोकना था, जो लगातार इसकी गिरफ्त में चले जा रहे थे। कानून में खुदरा स्तर पर तम्बाकू उत्पाद बेचने वालों की संख्या पर और सिगरेट में निकोटिन की मात्रा को लेकर भी दिशानिर्देश तय किए गए थे।
न्यूजीलैंड के पहले वाले फैसले से ब्रिटिश हुकूमत भी प्रभावित हुई थी, ब्रिटेन ने सितंबर में यह ऐलान किया था कि वह भी न्यूजीलैंड की तर्ज पर नौजवानों के लिए तम्बाकू उत्पादों की बिक्री बैन करेगा। न्यूजीलैंड सरकार के एक कदम पीछे हटने वाले इस फैसले से अब उन देशों पर असर पड़ सकता है, जो न्यूजीलैंड की तरह सिगरेट-तम्बाकू पर बैन की दिशा में आगे बढ़ रहे थे।
क्रिस्टोफर लक्सन न्यूजीलैंड के नए प्रधानमंत्री बने हैं। पदभार संभालने के बाद क्रिस्टोफर ने कहा कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता अर्थव्यवस्था में सुधार लाने की होगी, गठबंधन सरकार बनाने के साथ लक्सन ने टैक्स में कटौती का वादा किया है और 500 से अधिक पुलिस अधिकारियों को दो साल के भीतर प्रशिक्षित करने की बात की है। तम्बाकू से जुड़े पुराने कानून को भी हटाने के पीछे यही दलील दी गई है कि इससे लोगों को टैक्स से राहत मिलेगी।
जेसिंडा अर्डर्न ने 2023 के शुरुआत ही में इस्तीफा दे दिया था। करीब 6 साल तक वो इस पद पर रहीं थी। बाद में ये कहते हुए कि अब उनके पास देश को कुछ भी नया देने को नहीं है, उन्होनें इस्तीफा दे दिया था। उनके इस कदम की दुनियाभर में प्रशंसा हुई थी। न्यूज़ीलैंड में इस साल 14 अक्टूबर को आम चुनाव हुए जिसमें पूर्व कारोबारी और अब देश के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर सबसे बड़े दल के तौर पर उभरे हैं।