आपको बता दें कि भारत सरकार ने पेट्रोल में 20% एथेनॉल को मिलाने की योजना बनाई है। भारत सरकार ने 2021-22 में अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 86 प्रतिशत ईंधन आयात किया था। जिसे आज केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी देश के पहले एथेनॉल कार को लॉन्च करेंगे जो 100% एथेनॉल से चलने में सक्षम होगी। 11 जुलाई 2023 को पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि E20 पेट्रोल अभी 1,350 पेट्रोल पंप पर मिल रहा है,और 2025 तक ये पूरे देश में उपलब्ध होगा। वही E20 योजना के तहत वर्ष 2025-2026 तक देश भर में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को लॉन्च किया जाएगा।
कैसे बनता है एथेनॉल
एथेनॉल की खास बात यह है कि ये तेल कुएं से नहीं बल्कि किसान के खेतों से आता है और पेट्रोल-डीजल के मुकाबले प्रदूषण भी कम करता है। एथेनॉल बनाने के लिए सबसे पहले गन्ने की मशीन में पेराई की जाती है। इसके बाद गन्ने के रस को एक टैंक में कुछ घंटों के लिए एकत्रित कर उसे फर्मेंटेशन के लिए छोड़ दिया जाता है। फिर टैंग में बिजली से हिट देकर एथेनॉल बनाया जाता है। खास बात यह है कि आप एक टन गन्ने से 90 लीटर तक एथेनॉल बना सकते हैं। जबकि एक टन गन्ने से 110 से 120 किलो तक ही शक्कर का उत्पादन किया जा सकता है।
एथेनॉल बनाने में ये देश है नंबर-1
ब्राजील दुनिया में सबसे ज्यादा फ्लेक्स फ्यूल का उत्पादन करता है। सन 1975 में ब्राजील ने तेल के मामले में खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एथेनॉल का उत्पादन शुरू कर दिया था। आज ब्राजील में चलने वाली 93% गाड़ियां एथेनॉल मिश्रित फ्लेक्स फ्यूल से ही चलती हैं। अनुमान है कि 2030 तक ब्राजील की ईंधन डिमांड का 72% हिस्सा बायो फ्यूल से पूरा किया जाएग
क्या हैं फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियां?
फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियां पेट्रोल, डीजल, एथेनॉल या फ्लेक्स फ्यूल किसी से भी चल सकती हैं। नितिन गडकरी आज जो कार भारत में लॉन्च करने वाले हैं वो 100% एथेनॉल पर चलने में सक्षम होगी। यानी ये कार फ्लेक्स फ्यूल के साथ पूरी तरह एथेनॉल से भी चलाई जा सकती है। फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियों के इस्तेमाल से कच्चे ईंधन के आयत में कमी आएगी। और इससे हार साल 16 लाख रुपये तक की बचत होगी
लगभग 200 करोड़ लीटर एथेनॉल का प्रोडक्शन होता है
आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एथेनॉल उत्पादक राज्य है। यहां पर लगभग 200 करोड़ लीटर एथेनॉल का प्रोडक्शन होता है। खास बात यह है कि पांच साल पहले यूपी केवल 24 करोड़ लीटर ही एथेनॉल का उत्पादन कर पाता था। हालांकि, सबसे ज्यादा एथेनॉल उत्पादन करने के बाद भी उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन भी में देश में नंबर वन है। गन्ना सीजन 2022-23 में यूपी ने 150.8 लाख टन चीनी का प्रोडक्शन किया है, जो कि पिछले साल इसी अवधि तक 150.8 लाख टन से अधिक है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि एथेनॉल उत्पादन का असर चीनी प्रोडक्शन पर नहीं पड़ेगा।