इंदौर में देखा जाए तो लगातार ड्रग्स की तस्करी बढ़ रही है। जिसकी वजह से शहर में अपराध के मामले बढ़ते नजर आ रहे है। इंदौर पुलिस ने कुछ दिनों में कम उम्र के बालकों को ड्रग्स की तस्करी करते पकड़ा है और जांच में खुलासा हुआ है कि, तस्कर ओडिशा, मुंबई, दिल्ली, राजस्थान और बिहार से इंदौर में नशे कि सामग्री भेज रहे हैं। पुलिस ने अभी पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई तस्करों को पकड़ा है, जिन्होंने शहर में ड्रग्स भेजने वाले रूट का खुलासा किया है। अब शहर में नशे की सप्लाई की चेन इंदौर पुलिस ने खंगालना शुरू कर दी है। क्राइम ब्रांच इससे पहले भी तेलांगना के ड्रग माफिया को पकड़ चुकी है जो 70 करोड़ की एमडीएमए सप्लाई करने इंदौर आया था। इन तस्करों के संबंध में रतलाम, जावरा, राजस्थान सहित कई शहरों के तस्करों से जुड़े हुए थे।
नेशनल इंटीग्रेटेड डेटाबेस नार्को रिपीट ऑफेंडर (NIDAAN) की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 2 सालों में दूसरे शहर से इंदौर शहर में आने वाले 498 अपराधी पकड़े गए है। इंदौर पुलिस के 2022 के आंकड़ों के अनुसार, नशे की तस्करी करने वाले 139 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और 2023 में पुलिस ने 260 तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा था।
DCP मिश्रा ने युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए एक तरीका सोचा है। ADPS एक्ट के अपराधियों को इस शर्त पर बेल देते हैं कि, उन्हें रिहैब सेंटर में भर्ती किया जाएगा। अब तक DCP मिश्रा 16 लोगों को रिहैब सेंटर भेज चुके हैं। नशे की लत में डूबे गरीब युवाओं को नशा मुक्ति केंद्र में जाने के लिए 25 से 30 रुपए प्रवेश शुल्क देना होता है। इसके अलावा 20 हजार रुपए केवल 3 महीने का शुल्क लगता है। हालांकि नाने शहर में कुछ सरकारी रिहैब सेंटर मुफ्त में भी नशा छुड़वाते हैं।
इससे पहले भी इंदौर क्राइम ब्रांच ने पिछले साल दिसंबर में एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। इस तस्कर से पुलिस ने पौने पांच किलो चरस बरामद की है। आरोपी बिहार का रहने वाला था। उसने इंदौर सहित उज्जैन और देवास के तस्करों के नाम बताए थे। जो उससे मादक पदार्थ लेते थे।
इन रास्तों से आ रही इंदौर में तरह-तरह की ड्रग्स
गांजा ओडिशा से रायपुर और भोपाल के बाद सेंट्रल मालवा रीजन में पहुंच रहा है।
ब्राउन शुगर और हेरोइन राजस्थान से मंदसौर होते हुए उज्जैन के रास्ते से इंदौर पहुंच रही है।
एमडी ड्रग्स मुंबई से इंदौर आ रही है और नोएडा, दिल्ली के तस्कर यहां से इंदौर भेज रहे हैं।
चरस को बिहार से होते हुए देवास के रास्ते से इंदौर तक पहुंचाया जा रहा है।