तमिलनाडु में 2019 के पोलाची बलात्कार मामले में आज 13 मई 2025 को कोयंबतूर की महिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी 9 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई हैं। सभी पीड़िताओं को 85 लाख रुपए का मुआवज़ा देने की घोषणा भी की गई हैं। ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था और इसने पूरे तमिलनाडु को हिलाकर रख दिया था।
ये पूरा मामला तब सामने आया जब 2019 में एक 19 वर्षीय छात्रा के साथ बलात्कार और blackmailing की शिकायत उसके परिवार वालों ने पुलिस में दर्ज कराई। इसके बाद हुई जांच में और भी जानकारी सामने आई। 2016 से 2018 के बीच, आरोपियों का ये गिरोह लड़कियों से दोस्ती करता, जब भरोसा कायम हो जाता तो फिर उन्हें सुनसान जगह बुलाकर उनके साथ बलात्कार करता या सहमति से संबंध बनाकर उसकी video recording करता था। इसके बाद पीड़िताओं को blackmail कर दोबारा संबंध बनाने या पैसों की मांग की जाती थी।
इन लड़कियों में सिर्फ college की छात्राएं ही नहीं, बल्कि teachers, कामकाजी महिलाएं, doctors भी शामिल थीं। कुछ reports की माने तो इस गिरोह ने कम से कम 200 महिलाओं को इसी तरह फंसाया था। वहीं कही पर आंकड़ा 270 से ज़्यादा भी पाया गया था। आरोपियों के laptop, mobile से 1000 से ज़्यादा videos भी बरामद हुए।
जब पूरा मामला सामने आया, तो सभी का गुस्सा फूट पड़ा। चाहे आम जनता हो या नेता, चाहे महिला संगठन हो या छात्र छात्राएं सभी ने आरोपियों को कड़ी सज़ा देने की मांग की। ये मामला इतना बड़ा बन गया कि तमिलनाडु सरकार ने इसे CBI को सौंप दिया। पहले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। बाद में और 3 लोग भी पकड़े गए। कुल मिलाकर 9 लोगों के खिलाफ अदालत में मामला चला और आखिरकार आज उन्हें उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई।
इतने बड़े अपराध के बाद,दोषियों को सज़ा मिलना एक positive कदम हैं, मगर इस प्रकार की घटनाओं का होना और सज़ा मिलने में इतना समय लगना, ये कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता हैं। एक ऐसी मिसाल कायम करने की ज़रूरत हैं, जो समाज में अपराधी मानसिकता रखने वाले व्यक्तियों को अपराध करने से पहले सौ बार सोचने पर मजबूर कर दे।