रतलाम के शासकीय स्वशासी मेडिकल कॉलेज में 60 से ज्यादा जूनियर विद्यार्थियों के साथ रैगिंग के दौरान हॉस्टल में बंद कर मारपीट करने का मामला सामने आया है। विद्यार्थियों को मारपीट के बाद दर्द नहीं हो इसलिए सभी को पेन किलर दवा खिलाई गई। साथ ही किसी को भी यह बात बताने पर उन्हे जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। जिसके बाद पीड़ित छात्र पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। मामला गंभीर होने पर तहसीलदार आशीष उपाध्याय थाने पहुंचे और जूनियर मेडिकल स्टूडेंड से बातचीत की।
काफी समय से चल रही रैगिंग
पीड़ित जूनियर छात्रों ने बताया कि, सत्र शुरू होने से लेकर अब तक उनके साथ रैगिंग होती रही है। हमने इसका विरोध इसलिए नहीं किया क्योंकि वे आमतौर पर छोटे-छोटे वर्क करवाते थे। अपनी फाइलें रातभर हमे जगाकर लिखवाते थे। साथ ही बाहर से उनकी जरूरत के समान भी मंगवाते थे। ये लोग हमें नजरे झुका कर रहने का आदेश देते थे। लेकिन इस बार सीनियरों ने हद कर दी। उन्होंने हमे दवाइयाँ खिलाकर हमारे साथ मारपीट की ।
क्या था पूरा मामला
यह मामला इंस्टाग्राम पर की गई एक पोस्ट से जुड़ा है। जूनियर्स ने बताया कि, किसी ने कॉलेज का सोशल मीडिया पेज बनाया था। इस पर किसी स्टूडेंट ने कोई कमेंट्स कर दिया था। सीनियर स्टूडेंट को लगा कि, यह कमेंट्स जूनियरों ने किया है। लेकिन इस घटना के बाद कॉलेज में चल रही रैगिंग की बात भी सामने आई है। मेडिकल कॉलेज के डीन डा. जितेंद्र गुप्ता ने सभी विद्यार्थियों की बैठक बुलाकर जानकारी ली। कॉलेज प्रशासन ने भी जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि, पुलिस व कॉलेज प्रशासन रैगिंग के एंगल से आगे की जांच कर रही है।
गाल पर उभरे चांटो के निशान
क्लास खत्म होने के बाद सीनियर छात्रों ने सभी 60 विद्यार्थियों को बॉय्ज़ होस्टल की दूसरी मंजिल पर ले जाकर एक लाइन में खड़ा करवाया था। 25 से 30 सीनियर विद्यार्थियों ने उन्हें धमका कर मुंह नीचे व आंखें बंद करने को कहा। इसके बाद हर विद्यार्थी को 10 से ज्यादा चांटे मारे गए। इससे कुछ विद्यार्थियों के गाल लहूलुहान हो गए और चेहरे पर खरोंच भी आ गाई।
2022 में भी आया था इसी तरह के रैगिंग का मामला
इससे पहले भी इस स्वशासी मेडिकल कॉलेज में जूनियर्स के साथ रैगिंग करने का मामला सामने आ चुका है। इस मामले का वीडियो भी वायरल हुआ था। जुलाई 2022 में रात करीब 12 से 1 बजे के बीच कुछ सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को लाइन में खड़ा कर उनके साथ बुरा बर्ताव किया था। किसी ने इसका वीडियो बना लिया था और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अनुशासन कमेटी को सौंप दी थी। कमेटी ने जांच में सात छात्रों को अनुशासनहीनता का दोषी पाया था। जिसके बाद उन लोगों को कॉलेज प्रशासन ने 6 महीने के लिए हॉस्टल से निलंबित कर दिया था।