भारत और चीन के आपसी रिश्तें बेहतर करने के लिए, विदेश सचिव Vikram Misri चीन के दौरे पर हैं, जहां चीनी विदेश मंत्री Wang Yi से उनकी मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को संदेह तथा अलगाव के अपेक्षा आपसी सहमति तथा समर्थन की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
चीनी विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया
इस बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष रूस के कज़ाख में हुई मुलाकात के बाद चीनी राष्ट्रपति Xi Jinping तथा भारत के प्रधानमंत्री Narendra Modi के बीच कई ज़रूरी सहमतियां बनी है। परिणामस्वरूप, हर स्तर पर रिश्तों में सुधार की प्रक्रिया तेज़ हुई हैं। इस मौके का फायदा उठाते हुए दोनों देशों को मिलते रहना चाहिए तथा अधिक ठोस उपाय तलाशना चाहिए। भारत और चीन के अच्छे संबंध दोनों देशों के विकास तथा लोगों के बुनियादी हितों में है। दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध दुनिया की दो सबसे प्राचीन सभ्यताओं के बीच विकास, स्थिरता और समृद्धि में योगदान देने के लिए भी अनुकूल है।
Liu Jianchao से भी हुई मुलाकात
चीन पहुंचने के बाद Vikram Misri ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के International Department के प्रमुख Liu Jianchao से भी भेंट की जहां दोनों ही पक्षों ने विकास को बढ़ावा, संबंधों में सुधार, संवाद को मज़बूत करने के साथ साथ अन्तर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार साझा किए।
इससे पहले NSA चीन पहुंचे थे
इस दौरे से पहले, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार Ajit Doval ने चीन का दौरा किया था जहां उन्होंने विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23वीं बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान नाथू ला सीमा पर व्यापार को बढ़ावा देने, सीमा पार नदी सहयोग तथा कैलाश मानसरोवर यात्रा पुनः शुरू करने पर सहमति बनी थी। भारतीय विदेश मंत्री Dr. S. Jaishankar भी चीन की यात्रा कर ही चुके है।
2020 से है रिश्तों में तनातनी
दोनों देशों के बीच रिश्ते 15 जून 2020 से ही तनावपूर्ण है, जब चीन ने पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में सैन्य अभ्यास के बहाने सैनिकों को जमा किया था। प्रतिक्रिया में, भारत ने भी बराबर संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया। बाद में हालत इतने खराब हो गए कि चीन ने भारत के 20 सैनिकों को मार दिया। कड़ा जवाब देते हुए, भारत ने भी 60 चीनी जवानों को मार गिराया था।