उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद संभल जिले में पुलिस का एक्शन लगातार जारी है। पुलिस अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार और 2800 अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर चुकी है। इसके अलावा इस मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सुहैल इकबाल के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर आरोप है कि, उन्होंने सुनियोजित तरीके से हिंसा भड़काई थी। सांसद ने मस्जिद के बाहर लोगों को इकठ्ठा किया और उन्हें उकसाया जिसकी वजह से हिंसा का माहौल बना। पुलिस ने बताया कि, जैसे ही सर्वे का काम शुरू हुआ, अचानक बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और नारेबाजी करते हुए पथराव करने लगे।
क्या है मामला?
जामा मस्जिद जहां है, उसे हिंदू पक्ष श्री हरिहर मंदिर था। जिस मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कर दिया था। इसी दावे के आधार पर कोर्ट ने मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। संभल के कैला देवी मंदिर के ऋषिराज गिरी समेत आठ वादियों ने सिविल जज सीनियर डिविजन आदित्य कुमार सिंह की चंदौसी स्थित कोर्ट में वाद दाखिल किया है। कोर्ट ने कमिशन गठित कर रिपोर्ट मांगी है। अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
क्या है मस्जिद का इतिहास?
पुरातत्व विभाग के अनुसार संभल की शाही जामा मस्जिद लगभग 500 वर्ष पुरानी है। यह इमारत साल 1920 में भारतीय पुरातत्व सर्वे के तहत संरक्षित इमारत घोषित हुई थी। साथ ही संभल की जामा मस्जिद का उल्लेख बाबरनामा में मिलता है। संभल जामा मस्जिद के एडवोकेट जफर अली के मुताबिक 1529 में मुगल शासक बाबर के आदेश पर मीर बेग ने इस मस्जिद का निर्माण कराया था। जामा मस्जिद समतल भूमि पर बनाई गई है, जिसके प्रमाण उनके पास हैं, उन्होंने हिंदू पक्ष के दावों को बेबुनियाद करार देते हुए दावा किया कि, जामा मस्जिद किसी मंदिर को खंडित करके नहीं बनाई गई। जामा मस्जिद लगभग पांच बीघे में बनी है। जुमे की नमाज के दौरान यहां करीब एक हजार लोग आते हैं। संभल सदर की कुल जनसंख्या करीब 6 लाख है, जिसमें 85 फीसदी आबादी मुस्लिम है जबकि,जिले की कुल आबादी करीब 25 लाख है, जिसमें 60 फीसदी आबादी हिंदू है।
पुलिस ने 21 लोगों को लिया हिरासत में
मुरादाबाद के संभागीय आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि, इस हिंसा में 20 सुरक्षाकर्मी घायल हुए है। उन्होंने कहा कि, एक कांस्टेबल के सिर में भी गंभीर चोट आई है, जबकि डिप्टी कलेक्टर के पैर में फ्रैक्चर हो गया है। संभागीय आयुक्त अंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि, पुलिस ने पेलेट गन का इस्तेमाल किया है, किसी भी ऐसे हथियार का इस्तेमाल नहीं किया गया जिससे किसी की जान जा सकती हो। साथ ही पुलिस ने 21 लोगों को हिरासत में लिया है जिसमें 2 महिलाएं भी शामिल है। उनके पास से कई तरह के हथियार बरामद किए गए हैं। जिस जगह पर फायरिंग हुई है वहां से कई अलग-अलग बोर के गोले बरामद किए गए हैं। इतना ही नहीं बल्कि हिरासत में लिए गए लोगों के घरों से भी हथियार बरामद किए गए हैं।
स्कूल-इंटरनेट सेवा बंद
संभल में हुई हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। साथ ही कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल कॉलेज भी बंद करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा डीएम के आदेश पर 1 दिसंबर तक बाहरी लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। इसे लेकर शहर की सीमा भी सील कर दी गई है।
उपद्रवियों पर लगेगा NSA
हिंसा पर एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि, पुलिस को टारगेट बनाकर पथराव किया गया है। कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उनके भी पैर में चोट लगी है। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों की गाड़ियों को निशाना बनाया गया है। पास ही दूसरी बाइक और अन्य गाड़ियां खड़ी थीं लेकिन, उपद्रवियों ने उनको नुकसान नहीं पहुंचाया कहा कि, माहौल खराब करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। इन सभी की शिनाख्त कर NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं, घटना को संज्ञान में लेते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी पत्थरबाजों पर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
संभल विवाद मामले में CBI जांच की मांग
सांसद चंद्र शेखर ने संभल बवाल पर CBI जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि, अयोध्या के बाद मस्जिदों में मंदिर खोजने का ट्रेंड है। इसमें नौजवानों की जान जा रही है। संभल में बड़ी साजिश हुई है। इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में CBI जांच होनी चाहिए।
अब संभल हिंसा पर सवाल उठ रहा है कि, जब संभल की जामा मस्जिद का पहली बार सर्वेक्षण हो चुका था और उस समय अधिकारियों ने कहा था कि, सर्वे का पूरा हो चुका है। फिर दूसरी बार सर्वे का आदेश किसने दिया? अब इस हिंसा के जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।