भारत सरकार ने मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत चैंबर और सेप्टिंक टैंक की हाथ से सफाई करना पूरी तरह से गैर-कानूनी है। ऐसा करते पकड़े जाने पर 50 हजार का जुर्माना या सालभर की सजा हो सकती है। फिर भी इस कानून का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। आए दिन चैंबर की सफाई के दौरान कई श्रमिकों की मौते हो रही है।
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में शुक्रवार 29 फरवरी को एक सीवर के मैनहोल की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से 3 श्रमिकों की मौत हो गई। मैनहोल में सफाई करने के दौरान एक 40 वर्षीय कर्मचारी गिर गया था। जिसे बचाने की कोशिश करने वाले 2 अन्य लोग भी बेहोश हो गए। पुलिस ने बताया कि, तीन श्रमिकों में से एक को बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के आपदा प्रतिक्रिया बल के कर्मचारियों ने दो अन्य श्रमिकों के शव बाहर निकाले।
मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत चैंबर में सफाई के लिए किसी भी व्यक्ति को चैंबर में उतारना पूरी तरह से गैर-कानूनी है। एक्ट में इस पर रोक का प्रावधान है। यदि फिर भी कोई व्यक्ति चैंबर में उतरता है। तो उसके लिए कई तरह के नियम बनाए गए है और जिसका पालन करना जरूरी है। जो व्यक्ति चैंबर की सफाई के लिए उतर रहा है तो, उसे ऑक्सिजन सिलेंडर, स्पे्शल सूट, मास्क, सेफ्टी उपकरण जैसी कई जरूरी सामग्री देना होगा। हर बार कर्मचारियों की मौत के पीछे एक ही कारण होता है। जो की सरकार के पास पर्याप्त् उपकरणों का नहीं होना।
2010 से 2021 तक चैंबर सफाई के दौरान कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं। जिसमें तमिलनाडु में 213 लोगों की मौत। गुजरात में 153, उत्तरप्रदेश में 104, दिल्ली में 98, कर्नाटक में 84 और हरियाणा में 73 लोगों की सफाई के दौरान मौत हुई है। वही 2022 में 66 और 2023 में 9 मौतें और 2024 में कल तक 3 मौते हो चुकी है।
बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए देश में चैंबर की सफाई के लिए साल 2018 में रोबोट लाया गया था। जो कि, वर्तमान समय में भारत के 17 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के कुछ शहरों में हैं। 2018 में तिरुवनंतपुरम में मैनहोल को साफ करने के लिए रोबोट का उपयोग किया था। उसके बाद 2022 में कानपुर में पहली बार रोबोट ने चैंबर की सफाई की थी। इस रोबोट को चैंबर की सफाई के लिए केरल से लाया गया था। हालांकि अब रोबोट की मदद से सिर्फ 10 मिनट में सीवर साफ हो जाएगा। रोबोट बाहर बैठे ऑपरेटर से मिलने वाले निर्देशों के अनुसार चैंबर के अंदर की सफाई करेगा। रोबोट चैंबर में जमा पत्थर, कचरा और गंदगी को बकेट में डालकर बाहर भेजेगा।