बुधवार का दिन अपने साथ हिन्दी सिनेमा के लिए एक दुखद समाचार लेकर आया था। बॉलीवुड के जाने-माने आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने बुधवार सुबह खुदकुशी कर ली। सुसाइड की खबर सामने आते ही सिनेमा की दुनिया में सन्नाटा पसर गया है। अब धीरे धीरे उन कारणों से पर्दा उठने लगा जिस वजह से उन्होंने ये कदम उठाया। नितिन के सुसाइड करने का कारण पैसों की तंगी को बताया गया। नितिन देसाई का असमय निधन हिंदी सिनेमा की दशा और दुर्दशा दोनों की तरफ एक बहुत दुखद संकेत है। दिखावे की जिंदगी में मस्त रहने वाले हिंदी सिनेमा के तमाम फिल्मकारों और उनकी कंपनियों का ये कड़वा सच है और ये भी सच है कि बेइंतहा कर्ज में डूबने के चलते ही नितिन देसाई कई हफ्तों से मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। नितिन देसाई ने जिस स्टूडियो में जान दी, इसको लेकर उन्होंने कई सपने देखे थे। इसी जगह किक और बाजीराव मस्ती की शूटिंग हुई थी।नितिन की उम्र 58 साल थी। वे अपना ज्यादातर वक्त अपने ND स्टूडियो में बिताते थे। कुछ रिपोर्ट के अनुसार देसाई मंगलवार रात 10 बजे अपने कमरे में चले गए थे। सुबह काफी देर तक वो बाहर नहीं आए। उनके बॉडीगार्ड और दूसरे लोगों ने दरवाजा खटखटाया। खिड़की से देखा गया तो देसाई का शव पंखे से लटका हुआ था।
‘लगान’ और देवदास’ जैसी फ़िल्मों का रह चुके थे हिस्सा
नितिन ने कई बेहतरीन फिल्में इंडस्ट्री को दी हैं। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘देवदास’ हो या फिर आशुतोष गोवारीकर की ‘लगान’ ‘उन्होंने इन सभी के साथ बहुत ही शानदार काम किया है।नितिन देसाई ने फिल्मों से इतर टीवी की दुनिया में भी खूब काम किया था। साल 1991 में ‘चाणक्य’ के जरिए उन्होंने टीवी इंडस्ट्री में शुरुआत की थी। ये बात जानकर आपको शायद हैरानी हो, नितिन देसाई ने ही बिग बॉस का भी सेट डिजाइन किया था। उनके शानदार काम के लिए नितिन को चार नेशनल अवॉर्ड भी मिला है। उन्हें बेस्ट आर्ट डायरेक्शन के लिए इन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
टेक्निशियनों के हितैषी नितिन
नितिन देसाई ने फिल्मों में आर्ट डायरेक्शन व प्रोडक्शन डिजाइन को ग्लैमराइज किया। उनसे पूर्व हिन्दी सिनेमा में बड़े व उत्कृष्ट आर्ट डायरेक्टर हुए लेकिन फिल्म देखते हुए तब कोई यह ध्यान नहीं देता था कि आर्ट डायरेक्टर या प्रोडक्शन डिजाइनर कौन है। जब से नितिन देसाई सफल होना शुरु हुए तब से दर्शक इस ओर ध्यान देने लगे कि फिल्म का आर्ट डायरेक्टर कौन है। नितिन देसाई ने आर्ट डायरेक्शन को हिन्दी सिनेमा में इतना सम्मान दिलाया कि उनका नाम फिल्म की शुरुआत में टाइटल में सिंगल रूप से आता था।
मौत के बाद एक रिकॉर्डर से पता लगी मौत की वज़ह
घटना स्थल से एक रिकॉर्डिंग और नोट भी बरामद हुई है, जिसमें उन्होंने मौत की वजह और अपने अंतिम संस्कर से जुड़ी आखिरी ख्वाहिश बताई है। जानकारी के मुताबिक देसाई 180 करोड़ के कर्ज के तले दबे थे और वो सबसे ज्यादा परेशान एनजी स्टूडियो की नीलामी की बात से थे। क्यूंकि बहुत बड़ी लागत से उन्होंने स्टूडियो को बनवाया था लेकिन उतना काम और रकम उनको नही मिल रही थी। सलमान खान की फिल्मों के अलावा कोई और उनके स्टूडियो मे शूटिंग करने नही आता था।
नितिन का इस तरह जाना भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के डार्क साइड को एक बार फिर उजागर करता है। हिंदी सिनेमा के लिए ये एक अपूरणीय क्षति है।