बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव के बीच 12 साल पुराने रिश्ते को लेकर चल रहे विवाद ने नया राजनीतिक मोड़ ले लिया है। अनुष्का के भाई और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के छात्र विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष आकाश यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। अनुष्का और तेज प्रताप का रिश्ता सामने आने के बाद तेज प्रताप को भी उनकी पार्टी और परिवार से भी बेदखल कर दिया गया था।
विवाद 24 मई को शुरू हुआ, जब तेज प्रताप यादव के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट में दावा किया गया कि वह 12 साल से अनुष्का यादव के साथ रिलेशनशिप में हैं। हालांकि, बाद में तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। स्पष्टीकरण के बावजूद, पोस्ट ने राजनीतिक और पारिवारिक संकट को जन्म दिया। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को पार्टी और परिवार दोनों से छह साल के लिए निष्कासित करने का कठोर कदम उठाया।
इस कदम के बाद कई प्रतिक्रियाएं सामने आईं, खास तौर पर अनुष्का के भाई आकाश यादव की। वायरल पोस्ट के बाद आकाश यादव ने तेज प्रताप यादव का खुलकर समर्थन किया और लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की आलोचना की। उन्होंने कहा: “मेरी बहन और तेज प्रताप के साथ जो कुछ भी हो रहा है, वह गलत है। लालू परिवार को अपने बयानों में सावधानी बरतनी चाहिए। हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन लालू और तेजस्वी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है।”
उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर विवाद जारी रहा तो यह और बढ़ सकता है, उन्होंने लालू परिवार से “लड़ाई” बंद करने का आग्रह किया। मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तेज प्रताप के लिए आकाश के मुखर समर्थन और लालू परिवार की उनकी खुली आलोचना ने आरएलजेपी प्रमुख पशुपति कुमार पारस को उन्हें निष्कासित करने के फैसले को प्रभावित किया।
तेज प्रताप की पत्नी (दोनों अभी भी पति – पत्नी हैं, क्यूंकि तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है) ऐश्वर्या राय ने हाल ही में हुए विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। तेजप्रताप यादव से दूरी बनाने के लालू के कदम पर ऐश्वर्या ने कहा, “अगर उन्हें (लालू प्रसाद यादव के परिवार को) पूरी बात पता थी, तो उन्होंने मुझसे उनकी शादी क्यों करवाई? मेरी जिंदगी क्यों बर्बाद की गई?”
ऐश्वर्या ने लालू के अपने बेटे को पार्टी और परिवार से निष्कासित करने के फैसले को एक “नाटक” बताया , जो आगामी बिहार चुनावों से पहले संभावित नुकसान से बचने के लिए किया गया है। ऐश्वर्या ने कहा, “अब उनमें अचानक सामाजिक जागृति आ गई है।
वे सब साथ हैं। वे अलग नहीं हुए हैं… चुनाव नजदीक हैं, इसीलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया और यह ड्रामा रचा… मुझे अपने तलाक की जानकारी मीडिया से मिली। मुझे जो भी जानकारी मिली, वह सब मीडिया के माध्यम से मिली… मुझे नहीं पता था कि क्या चल रहा था… उनसे पूछो, मेरी जिंदगी बर्बाद करने की क्या जरूरत थी? जब मुझे पीटा गया, तब उनका सामाजिक न्याय कहां था? … उनसे पूछो, मेरा क्या हुआ?” उन्होंने कहा कि महिलाओं को दोष देना सबसे आसान रास्ता है और उन्होंने अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है।
वे हर बात का दोष मुझ पर मढ़ देते हैं। अब जब यह बात सामने आ गई है, तो उनका 12 साल से एक संबंध है और महिला को दोषी ठहराना सबसे आसान तरीका है। मुझे न्याय कब मिलेगा? मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी।
तेज प्रताप ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय की पोती ऐश्वर्या राय से 2018 में एक भव्य समारोह में शादी की थी। लेकिन शादी नहीं चल पाई और कुछ ही महीनों में ऐश्वर्या ने तेज प्रताप और उनके परिवार पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए उनका घर छोड़ दिया। इस विवाद के कारण एक हाई-प्रोफाइल कानूनी लड़ाई और राजनीतिक ड्रामा शुरू हो गया, जिसमें उनके पिता, पूर्व मंत्री चंद्रिका राय ने आरजेडी छोड़ दी और अपनी बेटी के लिए “राजनीतिक और कानूनी रूप से” लड़ने की कसम खाई। स्थानीय पारिवारिक न्यायालय में उनके तलाक की कार्यवाही अभी भी जारी है। दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं। तेज प्रताप यादव ने अपनी पत्नी पर बड़ी रकम गुजारा भत्ता मांगने का आरोप लगाया, जबकि ऐश्वर्या ने आरोप लगाया कि तेज प्रताप का व्यवहार परेशान करने वाला है। उन्होंने दावा किया कि तेज प्रताप ड्रग्स लेते हैं और निजी तौर पर महिलाओं की तरह कपड़े पहनते हैं।
तेज प्रताप-अनुष्का यादव का रिश्ता, जो कभी निजी था, अब सार्वजनिक और राजनीतिक मामला बन गया है। कुछ ख़बरें तो ऐसी भी हैं कि तेज प्रताप के अकाउंट से इस रिश्ते का खुलासा किसी और ने किया क्यूंकि तेज प्रताप किसी अन्य तीसरी लड़की के साथ छुट्टियां मनाने गए थे। जब अनुष्का और उनके परिवार को इस बात का पता लगा तो उन्होंने तेज प्रताप पर अपने पुराने रिश्ते का खुलासा करने का दवाब बनाया।
हालांकि हालिया घटनाक्रम कई लोगों के करियर, परिवार और पार्टी के गठबंधनों को तो प्रभावित कर ही रहा है। साथ ही इस कड़ी से जुड़े हर एक व्यक्ति के लिए भी एक मानसिक पीड़ा का विषय है। इस केस का परिणाम चाहे जो भी हो, लेकिन राजनीति में सक्रिय एक बड़े परिवार में महिलाओं के साथ ऐसा दुर्व्यवहार निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण विषय है।