उज्जैन में निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी ने खुदकुशी की कोशिश की, उस पर लोगों से रुपए ऐंठने के आरोप लगे हैं। वह खुद को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की करीबी बताती थी। धोखाधड़ी का केस दर्ज होने के बाद मंदाकिनी ने जहर पी लिया।
मंदाकिनी ने भाई महामंडलेश्वर सुमन, कथावाचक भगवान बापू को भी फंसाने की कोशिश की थी। वहीं, निरंजनी अखाड़े के आचार्य रविंद्र पुरी महाराज को भी शिकायतें मिली हैं। किसी को राज्यपाल बनाने, तो किसी को गो संवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष बनाने के लिए उसने रुपयों की डिमांड की थी। मामला सामने आने के बाद संत समाज में हलचल मच गई है।
जिन महंत सुरेश्वरानंद ने मंदाकिनी पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया, उन्होंने दैनिक भास्कर को ऑडियो उपलब्ध कराया है। ऑडियो में सुरेश्वरानंद और मंदाकिनी के बीच की बातचीत है। इसमें साढ़े सात लाख रुपयों के लेन-देन का जिक्र है।
जिला अस्पताल में मंदाकिनी की हालत गंभीर
उज्जैन में निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने सुबह कीटनाशक पीकर सुसाइड की कोशिश की। गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने का झांसा
निरंजनी अखाड़े के महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने चिमनगंज थाने में शिकायत की है। महंत ने बताया कि, “महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े में उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने का झांसा दिया था। इसके एवज में 15 अप्रैल 2024 को मंदाकिनी को साढ़े सात लाख रुपए भी दिए थे। बाद में अखाड़े के मुख्यालय में संपर्क किया, तो बताया गया कि रुपए लेकर उपाधि नहीं दी जाती। इसके बाद सुरेश्वरानंद ने रुपए वापस मांगे, तो महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने रुपए देने से मना कर दिया।” इसके बाद पुलिस ने सोमवार देर रात महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी समेत दो लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया। जिसके बाद उन्हें अखाड़े से निष्कासित भी कर दिया गया।