उत्तर प्रदेश में बारिश का कहर लगातार जारी है। लगातार हो रही बारिश की वजह से अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। जिस में चार मौतें हरदोई में, तीन बाराबंकी में, प्रतापगढ़ और कन्नौज में दो-दो और अमेठी, देवरिया, जालौन, कानपुर, उन्नाव, संभल, रामपुर और मुजफ्फरनगर जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। आईएमडी ने यूपी के 31 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है और सात दिन तक बारिश का अनुमान जताया है। पिछले कई दिनों से हो रही बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। वहीं आम जनता और किसान काफी डरे हुए हैं। लेकिन राज्य के राहत आयुक्त जी एस नवीन कुमार का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है सभी बांध फिलहाल सुरक्षित हैं।
अधिकारियों के आदेश पर स्कूल बंद हैं
लखनऊ में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने मौसम विभाग द्वारा जारी की गयी बिजली कड़कने के साथ भारी वर्षा की चेतावनी के देखते हुए सोमवार को बारहवीं तक के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया और लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर ना निकलने की सलाह दी। लखनऊ में सभी जिला स्तरीय अधिकारी क्षेत्र में हैं और बारिश से होने वाली समस्याओं का जायजा ले रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य की राजधानी के विभिन्न हिस्सों में जलजमाव से उत्पन्न होने वाली समस्या पर तत्काल ध्यान दिया जा रहा है और सोमवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे में 99.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
बिजली गिरने से 200 भेड़ों की मौत
उन्नाव से मिली खबर के अनुसार हसनगंज के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) नवीन चंद्र ने बताया कि उन्नाव में कई स्थानों पर बिजली गिरने से हसनगंज तहसील में 200 भेड़ों की मौत हो गई। राहत आयुक्त कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि बलिया, बाराबंकी, बदायूं, फर्रुखाबाद, कासगंज, खीरी, कुशीनगर, मऊ, मेरठ और मुजफ्फरनगर जिलों में दस जिलों की 19 तहसीलें बाढ़ से प्रभावित हैं। 173 गांव और 55,982 की आबादी प्रभावित हुई है।
राहत में जुटी टीमें
बारिश से प्रभावित जिलों में सर्च और रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की कुल 4 टीमें काम कर रही हैं। लोगों को राहत देने के लिए अब तक कुल 69674 ड्राई राशन किट, 448670 लंच पैकेट और 3150 डिगनिटी किट भी बांटे गए है। राज्य मे अब तक 1101 बाढ़ शरणालय, 869 पशु शिविर, जिसमे चारे आदि की व्यवस्था और 2869291 पशु टीकाकरण, 1504 -बाढ़ चौकियां, 2513-मेडिकल टीम गठित की गई हैं। इसके अलावा 3421 नावों को भी बचाव राहत कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में करीब 2775 गौशालाओं के 4,61,778 जानवरों और अन्य जानवरों के लिए भी चारे की व्यवस्था की गई है।