प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 राज्यों में, बिहार, झारखंड, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, केरल और गुजरात के विभिन्न मार्गों पर नौ नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। ये ट्रेनें बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थ केंद्रों को जोड़ेंगी। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2024 तक वंदे भारत का स्लीपर वर्जन बनकर तैयार हो जाएगा। सरकार लंबी दूरी की यात्रा के लिए वंदे भारत ट्रेनों को शुरू करने के लिए इनमें स्लीपर कोच जोड़ने पर काम कर रही है। अभी तक देश में जिन वंदे भारत ट्रेनों को चलाया जा रहा है वे सभी चेयर कार वर्जन है। अब इसका स्लीपर वर्जन भी आ रहा है जो कि चेयर कार की तरह ही बेहद खास होगा।
हर शहरों को जोड़ेगी वंदे भारत ट्रेन
यह देखते हुए कि भारत में 4000 से अधिक शहर हैं और प्रत्येक की आबादी 1 लाख से 3 करोड़ तक है, पीएम मोदी ने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब वंदे भारत देश के हर शहरों को जोड़ेगी।” नई वंदे भारत ट्रेनें न केवल यात्रा के समय में कटौती करेंगी, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देने और पुरानी ट्रेनों और इसकी अंतर्निहित सेवाओं की तुलना में यात्रियों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करने और उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित होने की भी उम्मीद है।
9 नई वंदे भारत ट्रेनों के रूट इस प्रकार हैं:
उदयपुर – जयपुर
तिरुनेलवेली मदुरै – चेन्नई
हैदराबा – बेंगलुरु
विजयवाड़ा – चेन्नई
पटना – हावड़ा
कासरगोड – तिरुवनंतपुरम
राउरकेला – भुवनेश्वर-पुरी
रांची – हावड़ा
जामनगर – अहमदाबाद
वंदे भारत ट्रेन की पहल
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें – ‘मेक इन इंडिया’ पहल का हिस्सा – 2019 में लॉन्च की गईं। ये भारत की पहली स्वदेशी ‘सेमी हाई स्पीड’ ट्रेनें चेन्नई, तमिलनाडु में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में निर्मित की जाती हैं।
2024 तक स्लीपर कोच भी लॉन्च कर दिया जाएगा
अधिकारी 2024 में सेवा के स्लीपर संस्करण और वंदे मेट्रो संस्करण को लॉन्च करने की तैयारी में हैं, साथ ही रंगों में भिन्नता के साथ-साथ टिकटों की लागत में भी संशोधन किया जाएगा, जो पहले से ही कई मार्गों पर शुरू हो चुका है। अभी स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को बनाया जा रहा है और इसे मार्च, 2024 में लॉन्च किया जाएगा। इसके साथ ही वंदे मेट्रो को भी बनाया जा रहा है। 12 कोच की इस ट्रेन को छोटे रूट पर चलाया जाएगा। पहली वंदे मेट्रो ट्रेन जनवरी, 2024 में आने की उम्मीद है लेकिन यह इसी कैलेंडर ईयर में बनकर तैयार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नॉन-एयर कंडीशंड पैसेंजरों के लिए यह ट्रेन इसी साल 31 अक्टूबर से पहले लॉन्च हो जाएगी। यह एक नॉन-एसी पुश-पुल ट्रेन है जिसमें 22 कोच और इसके दोनों तरफ एक-एक लोकोमोटिव होगा।
कौन बना रहा कोच
स्लीपर वंदे भारत को एक कंसोर्टियम बना रहा है। इसमें रेल विकास निगम लिमिटेड और रूस का टीएमएच ग्रुप शामिल है। इस कंसोर्टियम ने 200 में से 120 स्लीपर वंदे भारत चलाने के लिए सबसे कम बोली लगाई थी। बाकी 80 ट्रेनें की सप्लाई टीटागढ़ वैगन्स और बीएचईएल का कंसोर्टियम सप्लाई करेगा। आरवीएनएल के जीएम (मैकेनिकल) आलोक कुमार मिश्रा ने अगस्त में कहा था कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे होगी। इसमें 16 कोच होंगे जिनमें 11 एसी3, चार एसी2 और एक एसी1 कोच होगा। उनका कहना था कि कोच की संख्या 20 या 24 की जा सकती है।