मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को महायोजना 2031 की समीक्षा की और अधिकारियों को कई निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि, गोरखपुर, वाराणसी और मथुरा-वृन्दावन में प्रमुख मंदिरों के आस-पास ऊंची इमारतें नहीं बनेंगी। हर महायोजना में कुल भूमि के 15-16% हरित क्षेत्र होगा। शहर में इलेक्ट्रिक बसों को वरीयता देने और परंपरागत ईंधन वाली बसों को यथासंभव नगर से बाहर रखने को भी कहा। महायोजना में मेडिसिटी, स्पोर्ट्स सिटी, एजुकेशन सिटी, कन्वेशन सेंटर आदि के लिए स्पष्ट क्षेत्र चिन्हित करने को भी कहा है।
सीएम योगी ने गोरखपुर में रामगढ़ ताल की जेट्टी पुरानी होने के कारण इसे बदलने का भी निर्देश दिया। प्राकृतिक झीलों, जलाशयों का संरक्षण और मनोरंजनात्मक गतिविधियों के लिए विकसित करने को भी कहा हैं। सीएम योगी ने नगर निगम के बाहर दायरा बढ़ाने का विकास प्राधिकरणों को निर्देश देते हुए नई संभावनाएं तलाशने को कहा है।
सीएम योगी ने गोरखपुर, वाराणसी, मथुरा-वृन्दावन के सुनियोजित विकास के लिए विकास प्राधिकरणों द्वारा तैयार GIS बेस्ड महायोजना-2031 को देखा और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि गोरखपुर, वाराणसी और मथुरा- वृन्दावन जैसे धार्मिक नगरों की पहचान जिन मंदिरे और अन्य प्रतिष्ठित भवनों से है, उनकी प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता को बनाये रखने हेतु उनके आसपास उस भवन या मंदिर से अधिक ऊंचाई वाले भवन की स्वीकृति नहीं दी जानी चाहिए। इस व्यवस्था को महायोजना में शामिल करें।
सीएम योगी ने कुछ निर्देश भी दिए गए हैं :–
- अलग-अलग नगरों की महायोजना पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरों में यातायात प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है। हमें इसके लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। शहर में इलेक्ट्रिक बसों को वरीयता दें। परंपरागत ईंधन वाली बसों को यथासंभव नगर से बाहर ही रखा जाए। मल्टीलेवल पार्किंग के लिए उपयुक्त स्थान निर्धारित करें।
- प्रदेश के हर बड़े नगर में अत्यधिक संभावनाएं हैं। GIS- 2023 में हर जनपद में बड़ा निवेश आया है। ऐसे में मथुरा- वृन्दावन, गोरखपुर, वाराणसी की महायोजना में मेडिसिटी, स्पोर्ट्स सिटी, एजुकेशन सिटी, कन्वेशन सेंटर आदि के लिए स्पष्ट क्षेत्र चिन्हित करते हुये व्यवस्था को आगे बढ़ाया जाए।
- यह सुनिश्चित किया जाए कि हर नगर की महायोजना में 15-16% ग्रीनरी के लिए आरक्षित हो। जहां कहीं भी ग्रीन बेल्ट है, वहां किसी भी दशा में नई कॉलोनी न बसने पाए। इस निर्देश को महायोजना में शामिल करें। नई कॉलोनी के विकास के साथ वहां सड़क, सीवर, बिजली, पानी जैसी सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता हो।
- प्रदेश की अर्थव्यवस्था को $1 ट्रिलियन की बनाने में आवास सेक्टर की बड़ी भूमिका है। स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन तथा इंडस्ट्रियल क्षेत्र के समीप नई टाउनशिप का विकास जरूर हो।
- आज उत्तर प्रदेश बड़े राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है। प्रदेश के हर शहर को ऐसे अवसर मिलें, इसके लिए अवस्थापना सुविधाओं का विकास आवश्यक है। सभी विकास प्राधिकरणों में अंतराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेंटर विकसित किए जाएं।
- सभी प्राधिकरण, स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां या रिहायशी कॉलोनी बसने न पाए। हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं हों।
- विकास प्राधिकरणों को नई संभावनाएं तलाशनी होंगी। नगर निगम के बाहर विस्तार लेना होगा। अपना दायरा बढ़ाए, आय के नए स्रोत सृजित करें।
- गोरखपुर विकास क्षेत्र की वर्तमान जनसंख्या लगभग 14 लाख है और आने वाले 10 वर्षों मे यह जनसंख्या 25 लाख और 2047 तक यह जनसंख्या 50 लाख होने की संभावना है। $1 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य पूरा करने में गोरखपुर के साथ-साथ पूरा पूर्वाचल क्षेत्र एक अहम भूमिका निभा सकता है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमे लघु और माध्यम स्तर के तकनीकी उद्यम को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
- प्राकृतिक झीलों, जलाशयों का संरक्षण एवं मनोरंजनात्मक गतिविधियों के लिए विकसित किया जाए। लेक फ्रंट, रिवर फ्रंट एवं धार्मिक क्षेत्रों को विकसित किया जाए।
- गोरखपुर अपने टेराकोटा उत्पादन के लिए जाना जाता है, महायोजना में इसके विकास के लिए नियोजित प्रयास होना चाहिए। मोबिलिटी में सुधार हेतु गोरखपुर को मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित करने के प्रयास हों।
- हर विकास प्राधिकरण में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। योग्य, दक्ष युवाओं का चयन करें, उन्हें प्रशिक्षण दें। आईआईटी अथवा राज्य सरकार तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों का सहयोग लिया जाना चाहिए।
- वाराणसी के रिंग रोड तक मास्टरप्लान को विस्तार दिया जाए। मथुरा-वृन्दावन में पर्यटक सुविधाओं को और बढ़ाया जाना आवश्यक है। यहां गोवर्धन व वृन्दावन परिक्रमा मार्ग का सुदृढ़ीकरण किया जाए।