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Reading: वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज जी की 394 वीं जयंती !
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shivai maharaj 1708237132 - The Fourth
Fourth Special

वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज जी की 394 वीं जयंती !

महात्मा ज्योतिराव फुले ने 1870 में की थी शिवाजी जयंती की स्थापना ।

Last updated: फ़रवरी 19, 2024 1:13 अपराह्न
By Divya 1 वर्ष पहले
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4 Min Read
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आज छत्रपती शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती मनाई जा रही है। यह जयंती महाराष्ट्र के साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी बड़े धूम धाम से मनाई जाती है। लेकिन शिवाजी की जयंती महाराष्ट्र में काफी लोकप्रिय है।

छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को मराठा परिवार में महाराष्ट्र के पुणे जिले के जुन्नर नगर के पास हुआ था। वह ऐसे मराठा सम्राट थे जिन्होंने मुगलों के खिलाफ कई युद्ध लड़े और उन्हें परास्त किया। उन्होंने 15 साल की उम्र में पहली बार मुगलों के खिलाफ पहला आक्रमण किया, 16 साल की उम्र में तोरणा किले पर कब्जा किया और 17 साल की उम्र में रायगढ़ और कोंडला किलों को हासिल किया। उनके पिता का नाम शाहजी भोसले तथा माता का नाम जीजाबाई था।

शिवाजी की मृत्यु कैसे हुई?

शिवाजी की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को 50 वर्ष की आयु में हुई। शिवाजी महाराज की मृत्यु का कारण विवादित है। उनके निधन को लेकर कुछ इतिहासकार मानते हैं कि, उनकी मृत्यु स्वाभाविक थी, हालांकि कई इतिहासकारों ने लिखा है कि, उन्हें साजिश के तहत जहर दिया गया था। जिस दौरान 12 दिनों तक बीमार रहने के बाद उनकी हालत खराब होने की वजह से उनकी मृत्यु हुई है।

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का इतिहास

छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती की स्थापना 1870 में महात्मा ज्योतिराव फुले ने की थी। पुणे से लगभग 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ है, जहाँ महात्मा ज्योतिराव फुले ने शिवाजी महाराज की समाधि की खोज की थी और पुणे शिवाजी जयंती मनाने वाला पहला स्थान है। जहां से इस जयंती को मनाने की शुरूआत की गई थी। इसके बाद शिवाजी जयंती को एक प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी, बाल गंगाधर तिलक द्वारा आगे बढ़ाया गया, जिन्होंने शिवाजी महाराज के योगदान को प्रकाश में लाया और शिवाजी महाराज की छवि को उजागर करके लोगों को प्रभावित किया। इसी कारण हर साल छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है।

छत्रपति शिवाजी जयंती का महत्व

छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर लोग उनके योगदान को याद करते हैं और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। शिवाजी महाराज की बहादुरी हमेशा लोगों को प्रेरित करती है। शिवाजी के दरबार और प्रशासन में फ़ारसी भाषा, जो उस समय की सामान्य भाषा थी। उसके स्थान पर उन्होंने मराठी और संस्कृत को आधिकारिक भाषाओं के रूप में बढ़ावा दिया गया था। शिवाजी महाराज को 1674 में रायगढ़ किले में छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक किया गया था।

शिवाजी महाराज की उपलब्धियां निम्नलिखित है

  1. शिवाजी ने चाकन, कोंडाना और पुरंधर के किलों पर कब्ज़ा कर उन्होंने तोरणा से पांच मील आगे रायगढ़ का किला बनवाया।
  2. उन्होंने अफजल खान को अपने पंजों वाले दस्तानों के बघनखा से मार डाला।
  3. बीजापुर की सेना पूरी तरह से हार गई और शिवाजी ने कोंकण और कोल्हापुर जिले पर कब्जा कर लिया।
  4. उन्होंने आय के लिए एक प्रामाणिक राजस्व प्रणाली स्थापित की और साम्राज्य के आर्थिक आधार को व्यापक बनाया।
  5. उन्होंने औरंगजेब के कई प्रदेशों और किलों पर विजय प्राप्त की।
  6. उन्होंने बिखरी हुई मराठा जाति को एक राष्ट्र के रूप में संगठित किया और एक कुशल प्रशासनिक व्यवस्था का निर्माण किया।

हिंदुत्व की पहचान शिवाजी,
स्वराज का दूसरा नाम शिवाजी,
देश का अभिमान शिवाजी,
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर THE FOURTH की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं।

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TAGGED: Chhatrapati Shivaji Maharaj, Hindutva, Shivaji Maharaj Jayanti, Swaraj, thefourth, thefourthindia, Veer Yoddha
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