ऐसे में अगर हमने अब भी पृथ्वी और उसके संसाधनों की रक्षा नहीं की, तो बहुत देर हो जाएगी। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते साइड इफेक्ट के बीच इंसान को पृथ्वी के ही अस्तित्व बचाने के लिए प्रयास करने की नौबत आती दिख रही है। अनेकों शोध कहते आ रहे हैं कि अगर समय पर कुछ नहीं किया गया तो पृथ्वी इंसानों के रहने लायक जगह नहीं रह जाएगी। आपात स्थिति में ग्लोबल वार्मिंग कम करने के लिए जोर देने की बात की जाती है। लेकिन वैज्ञानिक ये भी संकेत दे चुके हैं कि इसके लिए शून्य उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य काफी नहीं हैं। इतना ही नहीं वायुमंडल में मौजूद अधिक CO2 अवशोषित करने लिए जरूरी मात्रा में पेड़ लगाने की क्षमता भी हम इंसानों में नहीं बची है। अन्य उपायों के साथ विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस उम्मीद जगाता है।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का कोई इतिहास नहीं है ना ही 28 जुलाई की तारीख के साथ इस दिवस के संबंध में कोई पुख्ता या आधिकारिक जानकारी उपलब्ध है। लेकिन पिछले कुछ सालों से यह दिवस एक जागरूक कार्यक्रम के तौर पर मनाया जाता है जिसमें प्रकृति संरक्षण के साथ ही विलुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश होती है।
आज यह दिवस एक जागरूकता कार्यक्रम की तरह मनाया जाता है। लोग एक दूसरे से पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण संबंधी सूत्र वाक्य और विचार साझा करते हैं। ऐसे उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं जो प्रकृति के लिए हानिकारक नहीं हों। इतना यही इस दिन यह भी चर्चाएं होती हैं कि हम प्रकृति के दिए खजाने को कैसे बचाए रख सकते हैं।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को प्राकृतिक स्रोतों के संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। वैसे यह बहस का विषय है कि संरक्षण जलवायु समस्याओं से निपटने के लिए काफी नहीं होगा। लेकिन यह भी सच है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए संरक्षण को नजरअंदाज करना हानिकारक ही होगा। क्योंकि इंसान अभी विज्ञान और तकनीकी और पर इतना सक्षम नहीं हुआ है कि प्राकृतिक प्रक्रियाओं का खुद ही निर्माण कर प्राकृतिक संरक्षण के विकल्प दे सके।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का महत्व
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण की सुरक्षा के महत्व पर जोर देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। यह दिन हमें ग्रह पर हमारे कार्यों के प्रभाव पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है और हमें वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में उपाय करने के लिए प्रेरित करता है। इसमें आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाना शामिल है।
इसके अलावा, विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस उस महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करता है जो व्यक्ति संरक्षण प्रयासों में निभा सकते हैं। जहां सरकारें, व्यवसाय और संगठन पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी लेते हैं, वहीं व्यक्तियों के पास भी अपने कार्यों के माध्यम से बदलाव लाने की शक्ति होती है।
हाल के दिनों में जलवायु परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है। ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और लुप्तप्राय एवं विलुप्त होती प्रजातियाँ प्रकृति में भारी असंतुलन पैदा कर रही हैं। प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के लिए कि हमारी प्रथाओं से पृथ्वी पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े, हमें प्रकृति वार्तालाप शुरू करने की आवश्यकता है। इस दिन, उन प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम, कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं जो हमें ग्रह को बचाने के लिए करने की आवश्यकता है।