20 हजार से ज्यादा लोगों के पास वोटर आईडी और आधार कार्ड फर्जी हैं। स्टेट साइबर पुलिस की पड़ताल ने फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड बनाने वाली वेबसाइट का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में 20 वर्षीय आरोपी रंजन चौबे को बिहार से गिरफ्तार किया है। आरोपी के धोखे में आकर मध्यप्रदेश के कई लोग इस वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे थे। वहीं सायबर एडीजी योगेश देशमुख के मुताबिक, यह आरोपी देशभर में करीब 25 हजार फर्जी आईडी और आधार कार्ड बना चुका है। आरोपी हर एक से सिर्फ 20 रुपये लेकर यह वोटर आईडी और आधार कार्ड बनाता था।
पूछताछ में रंजन ने बताया कि, उसने पिछले सात महीने पहले वेबसाइट बनाई थी। इस पर आधार कार्ड, वोटर आईडी और पैन का फॉर्मेट बनाया था। वेबसाइट खोलते ही इसके ऑप्शन मिलते थे। यूजर दिए गए फॉर्मेट में किसी का भी नाम, पता डालकर अपना फोटो अपलोड कर देते थे। QR कोड के माध्यम से 20 रुपए फीस भी ली जाती थी। इसके बाद फर्जी आईडी तैयार कर ऑनलाइन ही भेज दी जाती थी। पुलिस ने आरोपी के पास से फर्जी बैंक खातों की पासबुक, एटीएम, पेटीएम क्यूआर कोड, सोर्स कोड आदि जब्त किए हैं।
योगेश देशमुख ने बताया कि , राज्य में साइबर क्राइम की रोकथाम और शातिर अपराधियों को पकड़ने के लिए मप्र पुलिस लगातार सक्रियता और तत्परता से कार्य कर रही है। भोपाल की राज्य साइबर पुलिस ने ऑनलाइन के माध्यम से फर्जी पहचान-पत्र बनाकर देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया तथा आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले आरोपी को महज दो सप्ताह में बिहार के पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार किया है।
भारत निर्वाचन आयोग ने किया था अलर्ट
27 मार्च को भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी थी। उस जानकारी में बताया गया था कि, एक अज्ञात युवक वेबसाइट के माध्यम से लोगों के फर्जी वोटर आईडी समेत दूसरे दस्तावेज बनाने का काम कर रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने स्टेट साइबर पुलिस को इसकी जानकारी दी और 30 मार्च को अज्ञात व्यक्ति पर केस दर्ज किया गया था। फिलहाल इसे गिरफ्तार कर आगे की जांच जारी है।