हर साल 20 जुलाई को विश्व शतरंज दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) की स्थापना की वर्षगांठ को यह दिन चिह्नित करता है। इस खेल से कई फायदे हैं और यह एक बहुत पुराना खेल है। आपको बता दे कि, पुराने समय में मुगल बादशाहों में इसका अलग ही क्रेज हुआ करता था। मुगल बादशाह अकबर का पसंदीदा खेल शतरंज ही था। इसके लिए मुगलों के जमाने में अंतर्राष्ट्रीय मैच भी आयोजित किए जाते थे।
विश्व शतरंज दिवस का इतिहास
बता दे कि, 12 दिसंबर 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने विश्व शतरंज दिवस को मनाने की घोषणा की थी। 20 जुलाई का दिन ही शतरंज दिवस के रूप में इसलिए चुना गया क्योंकि 20 जुलाई के दिन 1924 में पेरिस में इंटरनेशनल चेस फेडरेशन की स्थापना हुई थी। पहला शतरंज दिवस 1851 में लंदन में आयोजित किया गया था, जिसे जर्मनी के एडॉल्फ एंडरसन ने जीता था। ऐसा माना जाता है कि, शतरंज खेल को पहले “चतुरंगा” के नाम से जाना जाता था। साथ ही दुनिया का सबसे लंबा शतरंज का खेल 1984 में बेल्ग्रेड में खेला गया था और यह 219 घंटे और 5 मिनट तक चला था।
कहां हुई थी शतरंज की शुरुआत?
शतरंज का इतिहास कम से कम 1500 साल पुराना है। लगभग 1500 साल पहले इस खेल की उत्पत्ति भारत में हुई थी। वर्तमान समय की शतरंज में हम काले और सफेद रंगों का जो वर्ग देखते हैं वो लगभग 1000 साल पहले ऐसा नहीं था। प्राचीन समय में राजा महाराज शतरंज में प्यादे के रूप में अपने दासों को हाथी, घोड़ा आदि बनाकर खेला करते थे। लेकिन समय के साथ इसका विस्तार होता गया और फिर इसे नया रूप और नाम मिला और इस तरह अष्टपद, शत्रुंज से (शतरंज) बना। जिसके बाद यह खेल धीरे-धीरे फैल ता गया और वहीं 15वीं शताब्दी तक शतरंज का खेल यूरोप का सबसे पसंदीदा खेल बन गया। जिसके बाद 19वीं शताब्दी तक यह लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय खेल बन गया। वहीं साल 1924 में दुनिया भर में शतरंज को व्यवस्थित और बढ़ावा देने के लिए FIDE की स्थापना की गई थी। FIDE विश्व चैंपियनशिप समेत अन्य कई अंतरराष्ट्रीय शतरंज टूर्नामेंटों को आयोजित करता है।
शतरंज खेलने के क्या-क्या फायदे हैं
याददाश्त बढ़ाता है
शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसमें खिलाड़ी को चालें याद रखने और सीखने की जरूरत होती है। ऐसे में यह गेम याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है। जो लोग शतरंज खेलते हैं, उनकी सीखने की क्षमता तेजी से डेवलप होती है। यह गेम अल्जाइमर और डिमेंशिया से भी बचाता है। जब आप शतरंज खेल रहे होते हैं, तो आपके मस्तिष्क को लगातार चुनौती का सामना करना पड़ता है।
IQ लेवल बढ़ाता है
शतरंज IQ को बेहतर बनाता है। कई बार यह साबित हो चुका है कि, शतरंज के खिलाड़ियों का IQ लेवल दूसरों की तुलना में अधिक होता है। एक रिसर्च के अनुसार, जिन बच्चों ने शतरंज खेला, उनका IQ लेवल उन बच्चों की तुलना में अधिक था, जो शतरंज नहीं खेलते थे।
आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी
शतरंज एक ऐसा खेल है, जिसमें सभी खिलाड़ी अकेले होते हैं। उन्हें इस गेम से संबंधित निर्णय खुद ही लेने होते हैं। अगर वो हारते हैं, तो उनकी गलती होती है और गेम जीत लेते हैं, तो इसके हकदार भी वो खुद होते हैं। इस तरह शतरंज खेलने से जिम्मेदारी का अहसास होता और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इस गेम से आप खुद पर भरोसा करना सीख सकते हैं।