26 जनवरी हर भारतीय के लिए सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि गौरव, स्वाभिमान और देशभक्ति का प्रतीक है। इस दिन भारत ने अपनी संप्रभुता को पूरी दुनिया में घोषित किया और लोकतंत्र के नए युग की शुरुआत की।
क्यों चुनी गई 26 जनवरी?
क्या आपने कभी सोचा है कि संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी की तारीख ही क्यों चुनी गई? इसका जवाब भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है। 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ की घोषणा की थी। इस ऐतिहासिक संकल्प को सम्मान देने के लिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया।
संविधान की यात्रा: 2 साल, 11 महीने, 18 दिन की मेहनत
भारतीय संविधान, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना जाता है, को बनाने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे। डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के अन्य सदस्यों ने अथक परिश्रम कर इस महान दस्तावेज को तैयार किया, जो भारत की विविधता और लोकतांत्रिक आदर्शों को संजोता है।
पहला गणतंत्र दिवस: जब भारत ने गर्व से तिरंगा लहराया
26 जनवरी 1950 को भारत ने पहली बार आधिकारिक रूप से गणतंत्र बनने की घोषणा की। राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने दिल्ली के राजपथ पर तिरंगा फहराया और देश की जनता को लोकतंत्र का उपहार दिया।
गणतंत्र दिवस परेड: भारत की शक्ति और संस्कृति की झलक
हर साल 26 जनवरी को दिल्ली के राजपथ पर होने वाली भव्य परेड देश की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रदर्शन करती है। इस परेड में तीनों सेनाओं की ताकत, राज्यों की झांकियां और अद्भुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखी जाती हैं। यह समारोह भारत की एकता में विविधता को दर्शाने वाला सबसे बड़ा मंच बन चुका है।
विदेशी मेहमानों का स्वागत: दोस्ती और कूटनीति का मंच
गणतंत्र दिवस समारोह की एक खास परंपरा विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करना है। 1950 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो इस समारोह के पहले विदेशी मेहमान बने थे। यह परंपरा भारत की मजबूत अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को दर्शाती है।
वीरता पुरस्कार: देश के असली नायकों का सम्मान
इस खास दिन पर देश के वीर सपूतों को परमवीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र जैसे बहादुरी के पुरस्कारों से नवाजा जाता है। इन पुरस्कारों से उन नागरिकों और सैनिकों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने देश के लिए अदम्य साहस का परिचय दिया है।
संविधान का संदेश: अधिकारों के साथ कर्तव्यों को भी निभाएं
गणतंत्र दिवस हमें सिर्फ हमारे अधिकारों की ही नहीं बल्कि, हमारे कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। यह दिन हमें संविधान के आदर्शों को आत्मसात करने और देश की एकता, अखंडता और प्रगति में योगदान देने की प्रेरणा देता है।
26 जनवरी न केवल अतीत की महान उपलब्धियों का जश्न मनाने का दिन है, बल्कि यह भविष्य की दिशा तय करने का भी अवसर है। हमें अपने संविधान का सम्मान करना चाहिए और देश के विकास में अपनी भूमिका निभानी चाहिए क्योकि हर भारतीय का सपना, एक मजबूत और समृद्ध भारत है।
जय हिंद!