राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की मौत से पूरे देश में हलचल मच गई है। सिद्दीकी की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई और उसकी गैंग का हाथ माना जा रहा है। सिद्दीकी की हत्या के बाद बिश्नोई गैंग द्वारा सलमान खान और कॉमेडियन मुन्नावर फारूकी को भी जान से मारने की धमकी मिली है। ऐसे में मुंबई पुलिस ने बिश्नोई गैंग में नजर बनाए रखी है और मामले में संबंधित जांच कर रही है। इसी जांच में पुलिस ने खुलासा किया कि, सिद्दीकी की हत्या की साजिश तीन महीने पहले ही से शुरू कर दी गई थी।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि, हत्या की योजना पुणे में बनाई गई थी। पुणे में ही सिद्दीकी का घर भी है, जहां आरोपी अक्सर बिना हथियार के मुआयना कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि, जांच में पता चला है कि आरोपी शूटिंग से 25 दिन पहले से सिद्दीकी के घर और ऑफिस का मुआयना कर रहे थे। दोनों शूटर्स का नाम गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप है। दोनों को इस काम के लिए 2 लाख रुपए की रकम के साथ 2 फोन भी दिए गए थे।
दोनों शूटर्स में से किसी को भी शूटिंग नहीं आती थी। दोनों ने यूट्यूब के वीडियो देखकर गोली चलाना सीखा था। दोनों कथित तौर पर अपने ही हथियारों से गोली चलाने का अभ्यास किया करते थे, लेकिन बिना असल गोली के। दोनों ने इसका अभ्यास मुंबई में किया था। साथ ही जांच के दौरान पता चला कि, आरोपी बातचीत के लिए स्नैपचैट और कॉल के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल किया करते थे। शूटर्स इस तकनीक को पुलिस द्वारा अपनी पहचाने बचाने के लिए इस्तेमाल करते थे। इससे पुलिस के लिए उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो गया था।
इस साजिश में हरीशकुमार बालकराम नाम का शख्स भी सामने आया है, जिसे बीच का बंदा बताया जा रहा था। बालकराम ने ही असल पार्टी से शूटर्स तक पैसे पहुंचने का काम किया था। मामले में चौथे मुख्य आरोपी बालकराम को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में पता चला कि बालकराम के नीचे प्रवीण और शुभम लोनकर नाम के दो और शख़्स थे, जिन्होंने दोनों शूटर्स को पैसे सौंपे थे।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने अभी तक 15 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज कर लिए हैं, जिनमें घटना के समय वहां पर मौजूद चश्मदीद गवाह भी शामिल हैं। सिद्दीकी की हत्या के मामले में इनके बयान अहम रहे हैं। अभी तक मुंबई क्राइम ब्रांच ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें गुरमेल सिंह, धर्मराज कश्यप, प्रवीण और हरीश शामिल हैं। हालांकि, शुभम लोनकर और तीन अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं। अधिकारियों ने बाकी के आरोपियों की तलाश की रफ्तार तेज कर दी है।