नया इनकम टैक्स बिल कल यानी 13 फरवरी, 2025 को संसद में पेश किया जा सकता है। इस बिल का मकसद आम आदमी के लिए इनकम टैक्स कानूनों को आसान बनाना है। इससे टैक्स से जुड़े मुकदमे भी कम होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 के दौरान घोषणा की कि सरकार एक नया आयकर विधेयक प्रस्तुत करने जा रही है, जो 64 वर्ष पुराने आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा। इस विधेयक का उद्देश्य वर्तमान आयकर कानून की जटिलताओं को कम करना और इसे सरल, स्पष्ट और करदाताओं के लिए अधिक सुलभ बनाना है। नया विधेयक 23 अध्यायों और 536 धाराओं के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।
माना जा रहा है कि नया कानून 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा। इससे जुड़े बिल को पिछले हफ्ते कैबिनेट ने मंजूरी दी थी और अब इसे संसद में पेश करने की तैयारी है।
नए बिल की मुख्य विशेषताएँ
- सरल और स्पष्ट भाषा – नए बिल में कानूनी भाषा को सरल और स्पष्ट किया गया है, जिससे आम करदाता भी इसे आसानी से समझ सकें। जटिल प्रावधानों को हटाकर विधेयक को संक्षिप्त किया गया है, जिससे इसकी लंबाई 800 से अधिक पृष्ठों से घटाकर 622 पृष्ठ कर दी गई है।
- टैक्स ईयर की नई अवधारणा – विधेयक में ‘कर वर्ष’ की नई परिभाषा दी गई है, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाली 12 महीने की अवधि होगी। इससे ‘आकलन वर्ष’ की अवधारणा समाप्त हो जाएगी, जिससे कर रिपोर्टिंग में स्पष्टता आएगी।
- फाइनेंशियल ईयर में कोई बदलाव नहीं – टैक्सपेयर्स को याद रखना चाहिए कि फाइनेंशियल ईयर में कोई बदलाव नहीं होगा। यह 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होगा। नया बिल कैलेंडर ईयर को टैक्स ईयर के तौर पर नहीं मानेगा।
- विरासत में मिले प्रावधानों का निष्कासन – पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटाकर विधेयक को संक्षिप्त और प्रासंगिक बनाया गया है, जिससे करदाताओं के लिए अनुपालन आसान होगा।
- वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों के लिए सख्त प्रावधान – वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों को अघोषित आय के रूप में शामिल किया गया है, जिससे इन पर कर चोरी रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
- टैक्स दरों की तालिका होगी – कर दरों को तालिका के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे करदाताओं के लिए उन्हें समझना आसान होगा।
- वेतनभोगियों के लिए कटौतियाँ – वेतन से संबंधित कटौतियों, जैसे मानक कटौती, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण आदि को एक ही स्थान पर समेकित किया गया है, जिससे वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह प्रक्रिया सरल होगी।
- विवादों में कमी – स्पष्ट प्रावधानों के माध्यम से कानूनी विवादों को कम करने और स्वैच्छिक कर अनुपालन को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है।
- ट्रस्ट फर्स्ट, स्क्रूटिनाइज़ लेटर – सरकार ने करदाताओं में विश्वास बढ़ाने के लिए ‘पहले विश्वास, बाद में जांच’ की नीति अपनाई है, जिससे करदाताओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
- नए कानून कब लागू टैक्स विशेषज्ञों और सरकारी सूत्रों के अनुसार नया आयकर बिल 1 अप्रैल, 2026 से अर्थात वित्त वर्ष 2026-27 से लागू होने की संभावना है। झुनझुनवाला कहते हैं, ‘नया कानून 1 अप्रैल, 2026 से ही प्रभावी होने की संभावना है, जिसका अर्थ है कि मार्च 2025 और मार्च 2026 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्षों के लिए कर योग्य आय की गणना और इसकी रिपोर्टिंग अभी भी मौजूदा आयकर अधिनियम के तहत ही की जानी होगी।’
नया आयकर विधेयक 2025 भारत के कर ढांचे में एक महत्वपूर्ण सुधार का प्रतीक है। सरल, स्पष्ट और संक्षिप्त प्रावधानों के माध्यम से यह करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाएगा और कानूनी विवादों को कम करेगा। इसके साथ ही, डिजिटल संपत्तियों पर सख्त प्रावधान और ‘कर वर्ष’ की नई अवधारणा जैसे कदम कर प्रणाली को आधुनिक और प्रभावी बनाने में सहायक होंगे।