भोपाल गैस त्रासदी के 40 वर्षों के अंतराल के बाद, इंदौर के पीथमपुर में Ramky Enviro फैक्ट्री मे यूनियन कार्बाइड का बचा हुआ ज़हरीला कचरा जलाना शुरू कर दिया गया हैं। पहले चरण में, दोपहर 3 बजे ये कचरा incinerator में डाला गया जिसका temperature 900°C हैं। दूसरे चरण में 1100 से 1200°C पर कचरा जलेगा जिसके बाद इसे गैस फ्लू ड्रायर में डाला जायेगा। यहां कचरे को पानी और sodium sulfide के घोल से गुजारेंगे। केमिकल के छन जाने के बाद राख को सुरक्षित जमीन में दफन कर दिया जाएगा। पहले ट्रायल रन में 10 टन कचरे का निपटान किया जायेगा।
40 साल पहले क्या हुआ था?
2/3 दिसंबर 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी, दुनिया की सबसे भीषण दुर्घटनाओं में से एक है। यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में से निकली ज़हरीली गैस के कारण कम से कम 3,783 लोगों की मौत हुई थी और 5,58,125 लोग किसी न किसी रूप में प्रभावित हुए थे। कुछ रिपोर्ट्स में 15,000 मौतों का दावा भी किया जाता हैं। इसके दूरगामी परिणाम आज भी कुछ लोगों में देखने को मिलते हैं। इस गंभीर हादसे के बाद, कचरे का निपटान करना एक बड़ी चुनौती बन गया था।
कचरा नष्ट करने को लेकर विवाद!
लंबे समय तक चले कानूनी और पर्यावरणीय विवादों के बाद, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीथमपुर के Ramky Enviro फैक्ट्री में कचरे को जलाने की अनुमति दी। यह निर्णय Central Pollution Control Board और अन्य agencies की सिफारिशों के आधार पर लिया गया। यहां 358 टन कचरा 10 containers में भरकर लाया गया। जिसके बाद पीथमपुर में 2 से 4 जनवरी को विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। यहां तक कि आत्मदाह की कोशिश में दो युवक झुलस भी गए थे।
कैसी हैं सुरक्षा व्यवस्था?
फैक्ट्री कंपाउंड के अंदर Special Armed Forces के 130 जवान मौजूद हैं। कंपाउंड के बाहर DSP रैंक के अधिकारी भी हैं। आसपास के सभी रास्तों पर नाकाबंदी कर दी गई हैं और बिना पूछताछ किसी को भी कंपाउंड में जाने की अनुमति नहीं हैं। पीथमपुर में इंदौर ग्रामीण और धार जिले के 24 थानों के पुलिसकर्मी सुरक्षा-व्यवस्था संभाल रहे हैं। करीब 650 जवान शहर के अलग-अलग चौराहों और कॉलोनियों में मौजूद हैं। 10 से ज्यादा गाड़ियां शहर भर में गश्त कर रही हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया!
राज्य सरकार पहले ही कह चुकी हैं कि कचरा जलाने की प्रक्रिया सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से की जा रही है। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा और पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
निष्कर्ष
ये कचरा नष्ट करना एक संवेदनशील काम हैं। इस प्रक्रिया में transparency और safety सुनिश्चित करना ज़रूरी हैं, ताकि किसी भी तरह के negative impact को रोका जा सके।