मार्च 1997। कैलिफ़ोर्निया का शांत शहर रैंचो सांता फ़े। पुलिस को एक कॉल मिली…एक अज्ञात व्यक्ति ने बताया कि एक विशाल बंगले में कुछ गड़बड़ हो रही थी। जब पुलिस वहां पहुँची, तो सामने का दरवाजा खुला था। अंदर घुसते ही एक अजीब सन्नाटा था, मानो घर में कोई हलचल ही न हो। पर कुछ ही कदम चलते ही दृश्य भयावह हो गया। एक के बाद एक, 39 शव। सबके शरीर एक जैसे व्यवस्थित पड़े थे। पीठ के बल लेटे हुए, उनके चेहरे पर एक बैंगनी कपड़ा ढका हुआ, पैरों में ने नाइकी के जूते, काले कपड़े। कुछ के सिरहाने बैग रखे थे। कहीं खून नहीं, कोई संघर्ष नहीं। ये हत्या नहीं थी। ये स्वेच्छा से अपनाई गई मौत थी।
ये मौतें किसी साधारण वजह से नहीं हुई थीं। ये एक पागलपन भरी आस्था का नतीजा थीं। ये एक ऐसे धोखे का अंत था, जिसमें लोगों को यकीन दिलाया गया था कि आत्महत्या ही स्वर्ग तक पहुँचने का एकमात्र रास्ता है।
ये था Heaven’s Gate नाम का एक कल्ट जिसके फाउंडर थे ‘मार्शल एप्पलवाइट’, एक व्यक्ति जो खुद को ईश्वर का दूत मानता था, और उसकी साथी बोनी नेटल्स, जो मरने से पहले उसे यह विश्वास दिला चुकी थी कि वे दोनों इस धरती पर मनुष्यों के रूप में भेजे गए दिव्य प्राणी थे।
उन्होंने अपने अनुयायियों को एक भयानक सपना बेच दिया…एक सपना, जिसमें वो कहते थे कि धरती का अंत निकट है, और केवल वे लोग बचेंगे जो अपनी आत्मा को शरीर से मुक्त करेंगे। उनके अनुसार, ये मुक्ति एक अज्ञात UFO के ज़रिए होगी, जो उन्हें एक नए स्वर्ग में ले जाएगी।
1997 में, एक Hale-Bopp, पृथ्वी के करीब से गुजर रहा था। एप्पलवाइट ने इस धूमकेतु को संकेत बताया। उसने बाकियों को विस्वास दिलाया कि उसके पीछे एक स्पेसशिप छुपा हुआ है और यही वो मौका था जब वे इस दुनिया को छोड़कर स्वर्ग जा सकते थे।
मार्च के आखिरी हफ्ते में, 39 फॉलोअर ने मिलकर खुद को सिस्टेमेटिक तरीके से मारा। पहले कुछ लोगों ने ज़हर पिया, फिर जो बचे, उन्होंने उनके शवों को ढक दिया और खुद भी मौत को गले लगा लिया।
जब पुलिस वहाँ पहुँची, तो ये देखकर झटका लगा कि ये आत्महत्याएँ अलग-अलग दिन में की गई थीं। कुछ लोगों ने पहले ज़हर लिया था, फिर दूसरों ने उनकी लाशों को व्यवस्थित किया और फिर खुद भी मौत को गले लगा लिया।
Heaven’s Gate कोई पहला और आखिरी ऐसा धर्मिक पंथ (cult) नहीं था जिसने लोगों की ज़िंदगी छीन ली। इससे पहले भी Jonestown, People’s Temple, Aum Shinrikyo जैसे कई कल्ट ने सैकड़ों लोगों को बेवकूफ बनाकर आत्महत्या करवाई।
क्यों? क्योंकि एक झूठे मसीहा ने उन्हें यकीन दिलाया कि यह दुनिया बुरी है और उसका छोड़ा जाना जरूरी है। पर सवाल ये है कि आखिर लोग ऐसे कल्ट के जाल में फँसते ही क्यों हैं? क्यों लोग किसी इंसान को भगवान मान बैठते हैं? क्योंकि ऐसे कल्ट कमजोर, अकेले लोगों को ढूँढते हैं। जो ज़िंदगी से थके हुए होते हैं। जिन्हें कोई सुनने वाला नहीं होता। जो दुनिया में अपने लिए कोई जगह नहीं बना पाते। ये पंथ उन्हें एक नकली उद्देश्य देते हैं। उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि वे खास हैं। और जब वे पूरी तरह इस धोखे में आ जाते हैं, तब उनकी मौत ही उनके लिए एकमात्र रास्ता बचती है।
Heaven’s Gate की कहानी सिर्फ एक पुरानी खबर नहीं है। ये इंसानी मूर्खता और धर्म के नाम पर होने वाले पागलपन का सबसे खौफनाक उदाहरण है।
1997 में 39 लोगों ने अपनी जान दे दी, क्योंकि वे मान बैठे थे कि एक स्पेसशिप उन्हें भगवान के पास ले जाएगा। आज भी दुनियाभर में लाखों लोग किसी न किसी पंथ, धर्म, या धर्मगुरु के जाल में फँसे हैं, अपनी पूरी जिंदगी किसी झूठे भ्रम में बिता रहे हैं। हो सकता है अगला Heaven’s Gate आज भी कहीं बन रहा हो?