दिल्ली। भारत की जनसंख्या मधुमेह के रजिस्टर्ड मामलों में चीन के बाद दूसरे स्थान पर आती है। यूके मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ में प्रकाशित आईसीएमआर के एक अध्ययन के अनुसार, 2019 में 70 मिलियन लोगों की तुलना में अब भारत में 100 मिलियन से अधिक लोग मधुमेह के शिकार हैं। जबकि साल 2019 में यह आंकड़ा 70 मिलियन के करीब था। डायबिटीज का राष्ट्रीय औसत 11.4 फीसदी है. हालांकि स्टडी अगले कुछ वर्षों में यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश जैसे कम प्रसार वाले राज्यों में डायबिटीज के मामलों के विस्फोट की चेतावनी देता है। शोध में कहा गया है कि देश की 15.3 फीसदी या लगभग 13.6 करोड़ आबादी प्री-डायबिटीक हैं, जबकि देश की 11.4 फीसदी आबादी डायबिटीक है। राज्य में सबसे अधिक और सबसे कम मामले
राज्यों की बात करें तो मधुमेह के सर्वाधिक मामले गोवा (26.4 प्रतिशत) में हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में सबसे कम (4.8 प्रतिशत) मामले हैं। उच्च रक्तचाप के सबसे अधिक रोगी पंजाब में (51.8 प्रतिशत) हैं। इस रोग में तेजी से वृद्धि के लिए सर्वाधिक रूप से आहार, शारीरिक गतिविधियों और तनाव के स्तर जैसी जीवनशैलियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अच्छी खबर यह है कि इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए हस्तक्षेप किये जा सकते हैं। हमारे अध्ययन में भारत में स्वास्थ्य देखभाल की योजना और प्रावधान को लेकर अनेक उपाय निकाले जा सकते हैं।”
क्या होता है प्री-डायबिटीक?
डायबिटीज के दो प्रकार हैं, टाइप-1 और टाइप-2. टाइप-1 आनुवांशिक होता है। यह बच्चों और युवाओं में देखने को मिलता है, लेकिन इसके मामले बहुत ही कम होते हैं। टाइप-2 डायबिटीज ज्यादा जीवनशैली से जुड़ा है और दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है. लेकिन अगर प्री-डायबिटीक की बात की जाए, तो वह एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है। इसमें शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन इतना ज्यादा नहीं कि उसे टाइप-2 डायबिटीज की श्रेणी में रखा जा सके।
वैश्विक रूप से डायबिटीज की स्थिति
वर्तमान में विश्व की कुल आबादी का 6% (420 मिलियन से अधिक लोग) या तो टाइप 1 डायबिटीज से ग्रसित है या टाइप 2 डायबिटीज से। यह एकमात्र ऐसा प्रमुख गैर-संचारी रोग है, जिसमें जल्दी मौत होने का जोखिम, कम होने के बजाय बढ़ रहा है। कोविड-19 से गंभीर रूप से संक्रमित व अस्पतालों में भर्ती लोगों में एक बड़ी संख्या उनकी है जो डायबिटीज के मरीज हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन डायबिटीज एटलस, 2019 में मधुमेह से ग्रसित लोगों की संख्या के मामले में भारत को शीर्ष 10 देशों में शामिल किया गया।
खराब लाइफस्टाइल बढ़ाती हैं खतरा
1.एक्सरसाइज की कमी- फिजिकल फिटनेस की कमी का कारण एक्सरसाइज नहीं करना या कम करना हो सकती है. ये डायबिटीज का खतरा बढ़ाती है।
- पोषण की कमी- जरुरी पौष्टिक आहारों का सेवन नहीं करने से समय के साथ-साथ शरीर में कई तरह की समस्याएं दिखने लगती हैं, डायबिटीज उनमें से एक है।
3.हाई कैलोरी डाइट खाना- ज्यादा कैलोरी वाले भोजन का सेवन करने से वजन बढ़ सकता है और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की चपेट में आ सकता है।
- शराब सिगरेट पीना – हर हफ्ते 14 यूनिट से अधिक मात्रा में अल्कोहल के सेवन से पेनक्रियाज में सूजन हो जाती है और इंसुलिन क्षमता घटती है।
5.पर्याप्त नींद नहीं लेना- कम नींद या अत्यधिक नींद लेने से भी शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाते हैं।
6.शराब पीना- हर हफ्ते 14 यूनिट से अधिक मात्रा में अल्कोहल के सेवन से पेनक्रियाज में सूजन हो जाती है और इंसुलिन क्षमता घटती है। सिगरेट पीने से सिर्फ फेफड़ों को नुकसान नहीं होता है बल्कि शरीर के सभी अंग प्रभावित होते हैं। यह टाइप 2 डायबिटीज की समस्या को बढ़ाता है।
7.पर्याप्त नींद नहीं लेना- कम नींद या अत्यधिक नींद लेने से भी शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं, जो डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- स्ट्रेस- बढ़ता तनाव लोगों में हार्ट अटैक की समस्या के साथ-साथ मेंटल हेल्थ और डायबिटीज की बीमारी बढ़ाता जा रहा है।
इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए
- एक्सरसाइज – सप्ताह में कम से कम 5 दिन एक्सरसाइज करना जरूरी है. यदि आप दिनभर डेस्क पर बैठे रहकर काम करते हैं, तो हर आधे घंटे बाद कुछ देर के लिए कुर्सी से जरूर उठें। बीच-बीच में कुर्सी पर बैठ कर थोड़ा व्यायाम करें। चलते-फिरते हुए कॉल पर बात करें।
- पौष्टिक आहार लेना – साबुत अनाज वाले उत्पादों का सेवन करें। मीठे पेय पदार्थों से बचें और ज्यादातर फल एवं सब्जी खाएं। बिना नमक वाले मेवों एवं बीजों का सेवन करें। खाना पकाने के लिए सैचुरेटेड फैट्स जैसे कि घी की बजाय मोनोसैचुरेटेड फैट्स या पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स जैसे ऑलिव ऑयल या कनोला ऑयल का इस्तेमाल करें। अपने खाने का कंपोजिशन और खाने की मात्रा का बदलाव ही सबसे ज्यादा डायबिटीज से सुरक्षा देता है।
- धूम्रपान बदं करें- धूम्रपान नहीं करें और अगर आदत है तो धीरे-धीरे छोड़ दें। और शराब कम से कम पीएं ।
4.स्ट्रेस से बचें- अपने जीवन में तनाव को घटाने पर ध्यान दें, इसके लिए समुचित तरीके से प्लानिंग करें, टाइम मैनेजमेंट करें, काम और जिम्मेदारियों को बांटे, दूसरों को काम सौंपे, मेडिटेट करें।
5.पर्याप्त नींद लें- हर दिन 7 से 9 घंटे नींद लें।
याद रखने योग्य बात
डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है। यह खानपान और जीवनशैली की गलत आदतों के कारण विकसित होता है। मधुमेह से बचने के लिए यह जरूरी है आप अपने खानपान को संतुलित रखें और शारीरिक रूप से सक्रिय जीवनशैली अपनाएं।