सावन, जिसे श्रावण के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर का एक शुभ महीना माना जाता है। इस महीने के दौरान, भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं। भक्त उनसे प्रार्थना करते हैं, और अधिकांश लोग पूरे सावन महीने के दौरान प्रत्येक सोमवार को व्रत रखते हैं। माना जाता है कि सावन के दौरान भगवान शिव की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सावन के दौरान ज्यादातर श्रद्धालु शाकाहारी भोजन का ही सेवन करते हैं। पहली सावन शिवरात्रि 15 जुलाई 2023 को और आखिरी सावन शिवरात्रि 31 अगस्त 2023 को होगी।
सावन माह की प्रमुख तिथियां
इस साल अधिकमास के कारण सावन का महीना 58 दिनों तक चलेगा। सावन महीने की शुरुआत के साथ ही कई व्रत-त्योहार भी आरंभ हो जाते हैं। 4 जुलाई से सावन का महीना शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान कई त्योहार मनाए जाएंगे। 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी, 13 जुलाई को कामिका एकादशी, 15 जुलाई को मासिक शिवरात्रि, 17 जुलाई को श्रावण माह की अमावस्या, 19 अगस्त को हरियाली तीज, 21 अगस्त नाग पंचमी, 30 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार हैं।
सावन महीने का महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना पांचवां महीना होता है। आषाढ़ खत्म होते ही श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सावन का पवित्र महीना शुरू हो जाता है। इस माह को श्रावण के नाम से भी जाना जाता है। श्रावण का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है। शिव जी को सावन का महीना प्रिय होने के पीछे एक कथा है, दरअसल सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं। सावन के महीने में सोमवार व्रत, मासिक शिवरात्रि और कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है।
इस बार सावन दो महीने का क्यों?
इस वर्ष सावन का महीना 2 महीनों तक चलेगा यानि सावन में 58 दिन तक शिव आराधना और पूजा-पाठ का दौर चलेगा। दरअसल सावन के महीने में अधिकमास पड़ने के कारण सावन का महीना एक के बजाय दो महीनों का होगा। 19 वर्षों के बाद इस तरह का संयोग दोबारा बना हुआ है जब सावन के महीने में अधिकमास आएगा। सावन के महीने इस बार 8 सोमवार व्रत पड़ने वाले हैं। पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई को रहेगा। वैदिक शास्त्र के अनुसार चंद्रमास 354 दिनों का और सौरमास 365 दिन होता है। इस तरह से इन दोनों में 11 दिन का अंतर आता है। हर 3 साल के दौरान यह अंतर 33 दिनों का होता जाता है। इस 33 दिनों को ही अधिकमास कहा जाता है। इस तरह से इस बार सावन के महीने में अधिकमास पड़ने से दो महीनों का सावन होगा। शिवजी की आराधना का खास महीना सावन 4 जुलाई से शुरू हो रहा है और 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिकमास रहेगा। इसके बाद सावन का शेष महीना शुरू होगा जो कि 31 अगस्त तक रहेगा।
सावन सोमवार व्रत का महत्व
सावन के महीने में इस बार 8 सोमवार व्रत रखे जाएंगे। सावन का महीना शिवजी की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ महीना माना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव जल्द प्रसन्न होकर सभी तरह की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। श्रावण के महीने में तो हर दिन शिवजी और माता पार्वती की पूजा होती है, लेकिन सावन सोमवार का व्रत बहुत ही खास रहता है। शास्त्रों में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस कारण से सावन सोमवार का महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। मां पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस तरह से मां पार्वती का विवाह भगवान शिव के साथ हुआ। ऐसे में सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती दोनों का प्रिय महीना था। इस कारण से सावन के महीने में पड़ने वाले हर सोमवार का काफी महत्व होता है।