सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेश (CBSE) ने अब क्षेत्रीय भाषाओं में भी शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। सीबीएसई ने स्कूलों को मल्टीलिंगुवल एजुकेशन को लागू करने के लिए शिक्षा के अल्टरनेट मीडियम के तौर पर इंडियन लैंग्वेजेस का प्रयोग करने को लेकर निर्देश दिए हैं।
प्री-प्राइमरी से 12वीं तक की पढ़ाई क्षेत्रीय भाषाओं में
सीबीएसई के निदेशक जोसेफ इमैनुएल ने स्कूलों को लिखे एक पत्र में कहा, “भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षा की सुविधा के लिए की गई पहल को मद्देनजर, सीबीएसई से संबद्ध स्कूल अन्य मौजूदा विकल्पों के अलावा एक वैकल्पिक माध्यम के रूप में, भारतीय संविधान की अनुसूची 8 में बताई गई 22 भारतीय भाषाओं को शामिल करने पर विचार कर सकते हैं, जो कि फाउंडेशन स्टेज से सेकेंडरी स्टेज यानी प्री-प्राइमरी से 12वीं क्लास तक एक वैकल्पिक माध्यम है।”
अब तक अंग्रेजी और हिंदी मीडियम का ऑप्शन
CBSE स्कूलों को प्री-प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक क्षेत्रीय व मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने का ऑप्शन दिया गया है। अब तक राज्य बोर्ड स्कूलों के विपरीत CBSE स्कूलों में सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी माध्यम का विकल्प था। CBSE का कहना है कि उनका यह कदम यह NEP के के अनुरूप है। इस संबंध में CBSE ने देशभर के अपने स्कूलों से संपर्क किया है, सीबीएसई ने अपने सभी संबंधित स्कूलों से कहा है कि जब भी संभव हो सके तो 5वीं कक्षा तक क्षेत्रीय भाषा या फिर मातृभाषा में पढ़ाई के विकल्प उपलब्ध कराए जाएं। स्कूलों से इसे 5वीं से बढ़ाकर आठवीं और उससे भी आगे ले जाने का प्रयास करने को कहा गया है।
क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होंगी NCERT की किताबें
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्कूल में पढ़ाई जाने वाली NCERT की किताबें भारत की क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होंगी। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन किताबों को भारत की 22 अलग-अलग भाषाओं उपलब्ध कराए जाने की योजना है। शिक्षा मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण परियोजना का मकसद देशभर के छात्रों को उनकी ही क्षेत्रीय अथवा मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराना है। पुस्तकों को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के विषय पर मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक भी हो चुकी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी। सीबीएसई ने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कहा कि हायर एजुकेशन अथॉरिटी ने भी कई भाषाओं में पढ़ाना शुरू कर दिया है और विभिन्न भाषाओं में परीक्षा आयोजित कर रहा है। टेक्निकल, मेडिकल, वोकेशनल, स्किल, कानून शिक्षा आदि की किताबें अब भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो रही हैं।