राष्ट्रपति ने 11 बहादुर बच्चों को नवाजा
सोमवार को विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक समारोह में 11 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है। हर साल केंद्र सरकार बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए यह पुरस्कार देती है। यह पुरस्कार 5 से 18 साल के बच्चों को 6 अलग कैटेगरी पर उनकी उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं। यह कैटेगारी कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, शैक्षिक, सामाजिक सेवा और खेल है, जो की राष्ट्रीय मान्यता के पात्र हैं। सभी पुरस्कार विजेताओं को एक मेडल के साथ 1 लाख रुपए नगद और सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। यह पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल होते हैं।
इस साल चुने गए देशभर के इन 11 बच्चों में छह लड़के और पांच लड़कियां शामिल हैं, दिए गए पुरुस्कार में से चार पुरस्कार कला और संस्कृति क्षेत्र में है, एक बहादुरी के लिए है, दो नवाचार के लिए है, साथ ही एक सामाजिक सेवा और तीन खेल के लिए हैं। पुरुस्कार सम्मानित बच्चें हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में भी हिस्सा लेते हैं।
बच्चों को पुरुस्कार से सम्मानित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि “बच्चे देश की अमूल्य संपत्ति हैं। उनके भविष्य के निर्माण के लिए की गई हर कोशिश हमारे समाज और देश के भविष्य को आकार देगी। हमें उनके सुरक्षित और खुशहाल बचपन व उज्ज्वल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। बच्चों को पुरस्कार देकर हम राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को प्रोत्साहित और सम्मानित कर रहे हैं”। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ पुरस्कार विजेताओं ने इतनी कम उम्र में ही साहस और पराक्रम दिखाया है, जो की अन्य बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणादायी हैं”। राष्ट्रपति ने कहा “देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हमने कड़े संघर्ष के बाद आजादी हासिल की है। नई पीढ़ी से उम्मीद की जाती है कि वे सभी इस आजादी के मूल्य को पहचानें और इसकी रक्षा करें”।
पुरस्कृत किए गए बच्चों में कला और संस्कृति में आदित्य सुरेश, गौरवी रेड्डी, श्रेया भट्टाचार्य और संभव मिश्रा को पुरस्कार मिला। बहादुरी के लिए रोहन रामचंद्र बीर और नवाचार श्रेणी में आदित्य प्रताप सिंह चौहान, ऋषि शिव प्रसन्न को पुरस्कृत किया गया। समाज सेना के लिए अनुष्का जौली और खेल के लिए मार्शल आर्ट चैम्पीयन हनाया निसार, कोलगटला अलन मीनाक्षी, शौर्यजीत रणवी कुमार खैरे को पुरस्कार मिला है।