आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-सक्षम डीपफेक आम तौर पर पफर कोट में पोप फ्रांसिस या गिरफ्तारी के तहत डोनाल्ड ट्रम्प जैसी प्रसिद्ध हस्तियों की नकली वायरल छवियों से जुड़े होते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि वे गैर-सहमति वाले पोर्न बनाने के लिए अधिक व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं जो सामान्य जीवन को नष्ट कर सकते हैं।
महिलाएं एआई टूल और ऐप्स का विशेष लक्ष्य हैं, व्यापक रूप से मुफ्त में उपलब्ध हैं और किसी तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। एआई की सोच इंसानों जैसी नहीं होती है। वह सही गलत की पहेचान नही कर सकता है ऐसे में उपयोगकर्ताओं को डिजिटल रूप से महिलाओं की तस्वीरों से कपड़े उतारने, या स्पष्ट यौन वीडियो में उनका चेहरा डालने का ऑप्शन भी उपयोग करने देता है।
छवि-आधारित यौन शोषण पर नज़र रखने वाली पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय की शोधकर्ता सोफी मैडॉक्स ने बताया कि, “एआई-जनित पोर्न और डीपफेक पोर्न का उदय एक महिला की सहमति के बिना उसकी छवि या समानता के उपयोग को सामान्य बनाता है, एक समाज के रूप में हम सहमति के बारे में क्या संदेश देते हैं जब आप किसी भी महिला को वस्तुतः निर्वस्त्र कर सकते हैं?”
एक अश्रुपूरित वीडियो में, क्यूटीसिंडरेला नाम की एक अमेरिकी ट्विच स्ट्रीमर ने महिलाओं के “निरंतर शोषण और वस्तुकरण” पर शोक व्यक्त किया क्योंकि वह डीपफेक पोर्न का शिकार बन गई थी। लोगों ने उन्हें चित्रित डीपफेक की प्रतियां भेजकर उन्हें परेशान भी किए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि इस अनुभव ने उन्हें “बर्बाद” कर दिया है।
इसका शिकार सिर्फ महिलाए नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी हो रहे है। आज कल मां-बाप सोशल मीडिया पर अपने बच्चो की फोटो शेयर करते है। इसे सभी प्रकार के लोगो को उन फोटो तक पाउच मिलती है। एआई के मादत से लोग उन तस्वीरों को दस या पच्चास साल बड़े इंसान का चेहरा भी बना सकते है। जिसे लोग स्कैम या पॉर्न जैसी चीजों में उपयोग कर सकते है। एआई इतना घातक है कि वो किसी भी व्यक्ति कि आवाज ख़ुद क्रिएट कर सकता है, जो उस व्यक्ति की छवि और प्राइवेसी के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
एआई के घातक परिणामों मे से एक है फेस रैपलिकेशन सरल भाषा मे किसी व्यक्ति का किसी और व्यक्ती के चेहरे को ऑनलाइन मीडियम मे रैपलिकेट करके उस का मिसयूज करना। इसका शिकार ना सिर्फ महिलाएं बल्कि मेल एक्टर्स भी होते है। उदाहरण के लिए इंस्टाग्राम यूज़र अयान जो की सुसांत सिंह राजपूत का चेहरा एआई की मादात से अपने चेहरे पर दिखा कर फॉलोअर्स बटोर रहे है।
गायिका टेलर स्विफ्ट और अभिनेत्री एम्मा वॉटसन जैसी हस्तियां डीपफेक पोर्न का शिकार हुई हैं। जनता की नजरों में नहीं रहने वाली महिलाओं को भी निशाना बनाया जाता है। अमेरिकी और यूरोपीय मीडिया शिक्षाविदों से लेकर कार्यकर्ताओं तक – महिलाओं की प्रत्यक्ष गवाही से भरे हुए हैं, जो डीपफेक पोर्न में अपना चेहरा देखकर चौंक गए थे।
हालाकि एआई के बहुत कुछ उपयोगी उपयोग है, फिर भी इसके हानिकारक उपयोग भी है जिनके बारे में लोगो को अपने दैनिक जीवन में, एआई को स्वीकार करने से पहले जानना चाहिए। यह आवश्यक है कि हम मनुष्य टेक्नोलॉजी के उपयोग को सीमित करे और एआई के परिणामों को भी स्वीकार करें।