लखनऊ में इमारत हादसे में दो महिलाओं की मौत
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मंगलवार की शाम एक इमारत ढह गई, जिसके मलबे में कई लोग फंस गए और वहां अफरा-तफरी मच गई, सूचना मिलते ही पुलिस दूरघटना स्थल पर पहुंची और रात भर बचाव अभियान चलाया गया, इस प्रक्रिया में उन्होंने 14 लोगों की जान बचाई। लेकिन, इस हादसे में सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर की मां और बेटी के रूप में पहचानी जाने वाली दो महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई। बतां दें शाहिद मंज़ूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक वरिष्ठ सपा नेता हैं और वर्तमान में विधानसभा में किठौर का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह 2002, 2007 और 2012 में विधायक रह चुके हैं और 2012 से 2017 तक अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे है।
*इमारत गिरने के कारण प्राशन पर उठे सवाल
लखनऊ में इस इमारत ढहने के कारण अधिकारियों की लापरवाही की पोल भी खुल गई है क्यूंकी उनकी अनुमति के बिना इमारत पर तीन और मंजिलें जोड़ी गईं। इस मामले पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि “2009 में इस भवन की दो मंजिलें बनीं, लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण से अनुमति नहीं ली गई और बाद में तीन और मंजिलें जोड़ी गईं”। अधिकारी की ये बात प्रशासन की लापरवाही पर कई सवाल खड़े करती है। साथ ही अधिकारी ने बताया की “इस इमारत में मलबे का उपयोग भी सही तरह से नहीं किया गया था जिसके कारण इमारत बनाने वाले बिल्डरों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी”।
मुख्यमंत्री ने दिया जांच के लिए एक सप्ताह
मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “पुलिस को इस घटना की जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का आदेश दिया है”। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि “मुख्यमंत्री द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम में लखनऊ संभागीय आयुक्त रोशन जैकब, संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्दिया और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता शामिल हैं”। प्रवक्ता ने कहा कि “यह समिति घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करेगी और एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।