जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले मंगलवार को राजधानी दिल्ली में 400 नई इलेक्ट्रिक बसें मिलने जा रही हैं। आईपी डिपो से इन बसों का शुभारंभ किया जाएगा। शुभारंभ कार्यक्रम से पहले सोमवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आईपी डिपो का दौरा कर तैयारियों का जायजा लियाइससे पहले बीते सप्ताह परिवहन मंत्री ने मायापुरी इलेक्ट्रिक बस डिपो का दौरा किया था, जहां से 100 बसों का एक साथ परिचालन किया जाना है।परिवहन मंत्री ने निरीक्षण के दौरान इलेक्ट्रिक बस डिपो का संचालन करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों से बात की।
इलेक्ट्रीफ़ाइड 8 डिपो दिल्ली में ऑप्रेशनल
इलेक्ट्रिक बसों के कारण 2025 से दिल्ली में हर साल पैदा होने वाले कार्बन डाई ऑक्साईड में 4 लाख 67 हज़ार टन की कमी आएगी। दिल्ली की केजरीवाल सरकार 1500 करोड़ की लागत से सभी डिपो का इलेक्ट्रिफ़िकेशन कर रही है। 8 हज़ार से ज़्यादा इलेक्ट्रिक बसों के लिए कुल 70 डिपो को इलेक्ट्रीफाई किया जा रहा है।
दिल्ली में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बस
परिवहन विभाग का दावा है कि नई इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े में शामिल होने के बाद दिल्ली देश का पहला ऐसा प्रदेश बन जाएगा जहां पर सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन किया जाएगा। अभी तक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 700 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अभी तक दिल्ली की सड़कों पर 400 बसें चल रही है, जिनकी संख्या बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। ध्यान रहे कि दिल्ली सरकार ने इस वर्ष के अंत तक 1500 नई इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का लक्ष्य है ।
2023 के अंत तक दिल्ली में 1900 इलेक्ट्रिक बसें होगी
पर्यावरण को मद्देनज़र रखते हुए देखा जाए तो दिल्ली के लिए इलेक्ट्रिक बसें काफी खास मानी जा रही है। इन 800 इलेक्ट्रिक बसों के कारण दिल्ली में हर साल पैदा होने वाले कार्बन डाई ऑक्साईड में 45 हज़ार टन की कमी होगी। 2023 के अंत तक दिल्ली में 1900 इलेक्ट्रिक बसें होगी। इसी के साथ दिल्ली दुनियाभर में सबसे ज़्यादा इलेक्ट्रिक बसों वाला शहर बन जाएगा। साल 2025 तक दिल्ली में कुल 10,480 बसें होंगी, जिनमें से 8,280 बसें इलेक्ट्रिक होंगी।