भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अंतरिक्ष में ‘सूर्य नमस्कार करने की तैयारी में है। शनिवार, 2 सितंबर को ISRO ने Aditya-L1 लॉन्च किया। धीरे-धीरे आदित्या एल-1 सूरज की तरफ़ अपने कदम बढ़ा रहा है। मंगलवार सुबह को ISRO ने जानकारी कि आदित्य एल-1 ने सफ़लतापूर्वक दूसरा अर्थ- बाउंड मैन्युवर (Second Earth-Bound Maneuver) पूरा कर लिया। भारत के पहले सूर्यमिशन का यान आदित्य एल-1 अब पूरी तरह नॉर्मल है।
आदित्य एल-1 ने पूरा किया सेकंड अर्थ बाउंड मैन्यूवर
ISRO ने मंगलवार को रात के 02:45 मिनट पर ट्विटर पर जानकारी दी कि ISTRAC (ISRO Telemetry, Tracking and Command Network) बेंगलुरु से सफलतापूर्वक दूसरा अर्थ-बाउंड मैन्यूवर कर लिया गया है। इस ऑपरेशन के दौरान ISTRAC/ISRO के मॉरिशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर स्थित ग्राउंड स्टेशन्स ने इस ऑपरेशन के दौरान सैटेलाइट पर नज़र रखी। अब आदित्य एल-1 282 Km X 40225 Km ऑर्बिट में पहुंच चुका है। 10 सितंबर 2023 को रात के 02:30 बजे तीसरा अर्थ बाउंड मैन्यूवर शेड्यूल्ड है और 03 सितंबर को पूरा किया था पहला अर्थ बाउंड मैन्यूवर।
आदित्य एल-1 का पहला अर्थ बाउंड मैन्यूवर 3 सितंबर को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था। आदित्य एल-1 के दो और मैन्यूवर्स होंगे। इसके बाद सन-अर्थ सिस्टम में इसे लैंगरेंज 1 पॉइंट में स्थापित किया जाएगा। ये पॉइंट पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। यहां सूर्य का बहुत सटीक व्यू मिलता है और इससे सूर्य के ऑब्ज़र्वेशन्स में मदद मिलेगी। उम्मीद की जा रही है कि 125 दिन बाद आदित्य एल-1 लैंगरेंज 1 पॉइंट यानि L1 Point तक पहुंच जाएगा।
शनिवार, 2 सितंबर को Aditya-L1 Launch किया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से आदित्य एल 1 को लॉन्च किया गया। आदित्य एल 1 को PSLV-C57 रॉकेट से लॉन्च किया गया। ISRO के अनुसार आदित्य एल1 पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का तकरीबन 1 फीसदी ही है। आदित्य एल 1 सूर्य पर लैंड नहीं करेगा और न ही ये सूर्य के और करीब जाने की कोशिश करेगा।