खंडवा – महकलेश्वर मे महाकाल लोक को बड़ी-बड़ी मूर्तियों से सजाने के बाद अब ओंकारेश्वर मे आदि शकरचार्य की विशालकाय मूर्ति ‘एकात्मता की प्रतिमा’ का निर्माण कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है जो की लगभग पूरा हो चुका है , 108 फिट की ऊंचाई वाली यहा प्रतिमा कई धातुओं से बनाई जा रही है, मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 सितम्बर के आस पास ‘एकात्मता की प्रतिमा’ का अनावरण कर सकते है ।
12 वर्षीय बाल स्वरूप
इंदौर से 80 किलोमीटर दूर नर्मदा के तट पर बसी धार्मिक नगरी ओंकारेश्वर के ओंकार पर्वत पर ‘एकात्मता की प्रतिमा’ का निर्माण किया जा रहा है , खास बात यह है की इस मूर्ति मे हमे आदि शंकराचार्य 12 वर्षीय बालक के स्वरूप मे नज़र आएंगे, अद्वैत वेदांत दर्शन के लिए देशभर से साधु संत इस प्रतिमा के अनावरण मे आएंगे और इस दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाएंगे।
ओंकारेश्वर मे प्राप्त की थी विद्या
दक्षिण भारत के केरल मे जन्मे आदि शंकराचार्य ने काफी कम उम्र मे ही संन्यास ले लिया था और बालावस्था मे शंकराचार्य ओंकारेश्वर पहुंचे थे जहां वह अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद से मिले थे, जिसके बाद चार साल तक इसी नगरी मे रहकर उन्होंने विद्या प्राप्त की थी ।
अद्वैत लोक का होगा निर्माण
माना जाता है की शंकराचार्य ने अद्वैत वेदांत दर्शन को लोगों तक पहुंचाने के लिए ओंकारेश्वर से 12 वर्ष की आयु में देश के अन्य हिस्सों के लिए प्रस्थान किया था , उनके जीवन और दर्शन के लोकव्यापीकरण के उद्देश्य के साथ ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत अद्वैत लोक बनाया जा रहा है, जिसके पहले चरण मे ‘एकात्मता की प्रतिमा’ का आनवरण होने जा रहा है , इसके अलावा अद्वैत लोक म्यूजियम और अद्वैत नौका विहार का निर्माण भी किया जाएगा।