रीऐलिटी शोज आज के Entertainment Industry का वो हिस्सा बन चुका है, जिसकी एक अलग दुनिया है। जहां पर आपको सितारे किसी कैरिक्टर मे नजर नहीं आते। जहां परदे पर लोग दिखते तो हैं, मगर काल्पनिक रूप मे नहीं, बल्कि अपने असली स्वरूप मे। वहाँ बातें किसी स्क्रिप्ट के मुताबिक नहीं होती। वहाँ इंसान मौजूदा स्थिति मे जो उचित लगे, वो कह सकता है या कर सकता है। लोगों को कला की दुनिया का रंगीन और काल्पनिक पहलू नहीं बल्कि वास्तविक और असली पहलू दिखलाया जाता है। लोग अपने चाहने वाले कलाकारों को वोट देते हैं और इन्ही वोट्स के जरिए वो शो मे बरकरार रहते हैं। जनता को अक्सर रीऐलिटी शोज के बारे मे बताया तो कुछ ऐसा ही जाता है, पर आखिर ये कितना सच है।
रीऐलिटी शोज के कान्सेप्ट को लेकर हमारे देश की युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा उत्सुक दिखाई पड़ती है। जो कुछ भी टीवी पर उन्हे दिखाई देता है, उसे सोलह आने सच माना करते है ये सो कॉल्ड “Die Hard Fans”। ये उत्सुकता कभी कभी भावनात्मक रूप भी ले लेती है। कभी ना कभी आपने भी दो लोगों को अपने मनपसंद के रीऐलिटी शो कन्टेस्टन्ट को लेकर एक दूसरे से बहस करते हुए देखा ही होगा। हम हिन्दुस्तानी भी अजीब हैं, किसी भी चीज को लेकर ईमोशनल हो जाते हैं। इसका नतीजा सिर्फ असल ज़िंदगी मे होने वाली चर्चाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इंटरनेट की दुनिया मे भी इसका जादू बिल्कुल प्रत्यक्ष दिखाई पड़ता है। चाहे बात फैन आर्मी बनाने की हो या फिर अपने पसंदीदा कॉनटेस्टेंट के विरोधी फैन आर्मी से लड़ाई की, जनता कहीं भी पीछे नहीं है। सोशल मीडिया पर चैट ग्रुप्स बनाकर शोज के बारे मे लंबी चर्चाएं होती हैं, बहस होते हैं, रैली और जुलूस की योजनाएं बनाई जाती हैं और रैली जुलूस निकाले भी जाते हैं।
जो भी किया जाता है, उन कॉनटेस्टेंट के प्रति अपने प्यार और समर्थन दिखाने के लिए किया जाता है। पर कभी कभी ये थोड़ा ज्यादा हो जाता है। क्योंकि असल मे रीऐलिटी शोज इतने भी रियल नहीं होते। काफी चीजें जो इन शोज मे दिखाई जाती है, उन्मे थोड़ी बहुत अतिशयोक्ति तो होती ही है, ताकी शोज मनोरंजक हो। साधारण बिजनस वाली बात है, अगर कोई कन्टेस्टन्ट ज्यादा एंटेरटैनिंग है, तो जजाहिर है ज्यादा लोग शो उसकी वजह से देखेंगे और उसको शो मे रखने पर शो के निर्माताओं को ज्यादा फायदा होगा। आब इन बातों को दिल से लगाकर और पूरी तरह से दुनिया बनाकर लोग खुद को इनके जीतने की वजह समझने लगते हैं, यह गलत है। नमूने के तौर पर बिग बॉस के कन्टेस्टन्ट के सपोर्ट मे लोग एक दूसरे को जान से मारने की धमकी तक दे दी गई थी।
ये वाकिए थोड़े भयावह संकेत देते हैं। इन वाकियों मे सबसे ज्यादा संख्या टीनएजर की है। आभिभावकों को भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि वो अपने बच्चों को यह समझाए कि रीऐलिटी शोज भी मनोरंजन का एक साधन ही है, इसे उसी तरह देखा भी जाना चाहिए। इन शोज को अपने जीवन की रीऐलिटी बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।