भारतीय टीम के क्रिकेटर शिखर धवन और उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी के रास्ते अब पूरी तरह से अलग हो चुके हैं। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इन दोनों का तलाक हो गया। जिसे दिल्ली के पटियाला हाउस फैमिली कोर्ट में शिखर धवन और आयशा के तलाक को पूरी तरह से मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही कोर्ट ने धवन को अपने बेटे से मिलने की अनुमति भी दी है। हालंकी अभी तक कोर्ट ने बेटे जोरवार की कस्टडी पर कोई फैसला नहीं सुनाया है। शिखर धवन और आयशा की मुलाकत सोशल मिडिया के जरीए हुई थी। जिसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया और साल 2009 में सगाई करने के बाद साल 2012 में शादी कर ली।
आयशा ने शिखर धवन को दी मानसिक पीडा।
कोर्ट ने माना की आयशा ने शिखर को अपने इकलौते बेटे जोरावर से वर्षों तक अलग रहने के लिए मजबूर कर के मानसिक पीडा दी है। हालांकि, कोर्ट ने अभी तक बेटे की स्थायी कस्टडी पर किसी प्रकार का कोई फैसला नहीं किया। धवन, भारत और ऑस्ट्रेलिया में बेटे के साथ वक्त बिता सकते हैं। उससे वीडियो कॉल पर बात कर सकते हैं। कोर्ट ने यह भी देखा कि आयशा ने जबरन दबाव बनाकर ऑस्ट्रेलिया में धवन की तीन संपत्तियों में 99% मालिकाना हक हासिल कर लिया। और साथ ही दो अन्य संपत्तियों की भी जॉइंट ओनर बन गईं।
कैसे मिले शिखर धवन और आयशा एक दूसरे से ।
शिखर धवन और आयशा की मुलाकात सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म से हुई थी। शिखर धवन ने आयशा को पहली बार हरभजन सिंह की फेसबुक फ्रेंडलिस्ट में देखा था। जिसके बाद से आयशा की तस्वीर देख कर शिखर को प्यार हो गया। जिसके बाद शिखर ने आयशा को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी और सोशल मिडिया के जरीये दोनों के रिलेशनशिप की शुरुआत हो गई ।
साल 2012 में की थी शिखर और आयशा ने शादी।
शिखर धवन और आयशा की शादी साल 2012 में हुई। जिसके दो साल बाद उनको एक बेटा जोरावर हुआ। शुरुआती समय में दोनों के बीच गहरा प्यार था। एक दूसरे के प्यार में डूबे रहने वाले दोनों प्रेमीयो के रिश्ते में धीरे-धीरे खटास आती गई और मामला तलाक तक पहुंच गया। हालंकी आपको बता दे कि आयशा की यह पहली शादी नहीं थी बल्कि दूसरी शादी थी।आयशा की पहली शादी ऑस्ट्रेलिया के बिजनेसमैन से हुई थी। जो टूट गई आयशा और उसके पहले पति से दो बेटियाँ है जिनका नाम रेया और आलिया है।
कोर्ट ने बेटे जोरावर से मिलने की दी अनुमति।
तलाक होने के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में शिखर धवन को बेटे जोरावर से मिलने और वीडियो कॉल पर बात करने कि अनुमति दी है। इसके अलावा स्कूल की छुट्टियों में कम से कम आधे समय के लिए जोरावर को धवन और उनके परिवार के साथ रहने और मुलाकात के लिए भारत लाने की भी अनुमति दी है। ताकि जोरावर अपने परिवार के साथ रहे सके। कोर्ट ने कहा की शिखर धवन एक अच्छे और जिम्मेदार पिता होने के नाते अपने बेटे से बात करने व कुछ समय साथ बिताने का अधिकार रखते है।