ओडिशा के बालासोर रेल हादसे को हुए 4 महीने हो गए है। दो जून को हुआ तीन ट्रेनों के बीच यह हादसे ने पूरे देश को हेरान कर दिया था। यह रेल हादसा अभी तक का सबसे बढ़ा रेल हादसा था इस हादसे में कम से कम 300 लोगों की जान और 1,000 से अधिक लोगों घायल हुए थे। इस हड़से में तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाडीयो की आपस में जोरदार टक्कर हुई जिसमे दोनों ट्रेनों के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए।
डीप फ्रीजर कंटेनरों में रखे गए थे सारे शव
एम्स भुवनेश्वर में 162 शव रखे गए थे और उनमें से 81 शवों को उनके परिवार को सौंप दिया गया था। हालांकि बचे 53 और शवों को DNA टेस्ट के बाद परिवार के सदस्यों को दे दिए गए, लेकिन बचे 28 शवों के परिवार वालों को कोई आता पता नहीं है और नाही कोई आया। शवों को पारादीप पोर्ट ट्रस्ट से खरीदे गए कम से कम पांच डीप फ्रीजर कंटेनरों में रखा गया था।
नगर निगम को सौंप गए शव
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार शाम तक, नौ शवों को अंतिम संस्कार के लिए नगर निकाय को सौंप दिया गया था। 2जून को हुई इस घटना के बाद से सारे शव एम्स भुवनेश्वर में रखे थे।जिसके बाद परिवारजनों ने अपने –अपने के शवों की पहचान कर ले गए।अस्पताल संस्थान के अधीक्षक दिलीप परिदा ने कहा, ‘हमने अंत्येष्टि के लिए सीबीआई अधिकारियों की मौजूदगी में शवों को नगर निकाय को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बस अब उनका अंतिम संस्कार करना बचा है।
पूरी प्रक्रिया की जाएगी रिकॉर्ड
साथ ही एम्स अस्पताल के निदेशक शवों के अंतिम संस्कार के लिए राज्य, केंद्र और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मौजूदा नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए शवों को आधिकारिक तौर पर बीएमसी स्वास्थ्य अधिकारी को सौंप देंगे। जिसमे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पुरा पुरा रिकॉर्ड किया जायगा ।